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इस सत्र से बढ़ सकती हैं आईआईएम इंदौर की सीटें

By Dabangdunia News Service | Publish Date: Jan 7 2017 10:49AM | Updated Date: Jan 7 2017 10:49AM
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रफी मोहम्मद शेख इंदौर। इंडियन इंस्टिट्यूट आॅफ मैनेजमेंट इंदौर (आईआईएम-आई) में चलने वाले कोर्सेस की सीटें 2017 के नए सत्र से बढ़ सकती हैं। मानव संसाधन विभाग ने देशभर के आईआईएम से इस संबंध में प्रस्ताव मांगे हैं। नए-पुराने आईआईएम में ये सीटें दोगुना तक की जा सकती हैं। इस पर अगले महीने तक अंतिम निर्णय होने की संभावना है। इंदौर में पीजीपी की वर्तमान सीटें पांच साल पहले लगभग दोगुना की गई थीं।

आईआईएम इंदौर में अभी पोस्ट ग्रेजुएट प्रोग्राम (पीजीपी) में 450 सीटें हैं, जो इस सत्र से 900 करने का प्रस्ताव है। यहां छह साल से सीटों की संख्या में वृद्धि नहीं हुई। 2011 में आईआईएम में पीजीपी की 240 सीटें थीं, जिन्हें एक साथ 450 कर दिया गया था। इसके अलावा यहां एमबीए से लेकर आईपीएम जैसे कोर्स चलते हैं।

इंदौर में सबसे ज्यादा सीटें
वर्तमान में देशभर के आईआईएम में सबसे ज्यादा सीटें मात्र कोलकाता और इंदौर के पीजीपी कोर्स में ही हैं। अहमदाबाद, बेंगलुरु, लखनऊ व कोझीकोड जैसे आईआईएम में भी यहां से सीटें कम हैं। कई साल से पीजीपी में एडमिशन के लिए होने वाले कॉमन एंट्रेंस टेस्ट (कैट) की परीक्षा में बैठने वाले विद्यार्थियों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है, लेकिन सीटों की संख्या में कई साल से उस अपेक्षा में बढ़ोतरी नहीं हुई। इसके चलते वर्षों से यह मांग उठती रही है, लेकिन सीटें नहीं बढ़ाई गर्इं।

यहां सबसे ज्यादा संभावना
छह साल में आईआईएम इंदौर ने देश के अन्य आईआईएम के बीच अपनी अलग पहचान बनाई है। विद्यार्थियों के बीच भी यह आईआईएम टॉप च्वॉइस में शामिल रहता है, वहीं कई टॉप सर्वे में भी यह टॉप-10 में शामिल रहा है। इस समय आईआईएम के इन्फ्रास्ट्रक्चर में पहले के मुकाबले लगभग दोगुना बढ़ोतरी हो चुकी है। इसके साथ यहां की परमानेंट फैकल्टी के पूरे पद भर चुके हैं और यह फैकल्टी वर्तमान में पढ़ रहे विद्यार्थियों की संख्या के हिसाब से कम नहीं है। इस कारण यहां पर सीटों को बढ़ाने का दावा बहुत मजबूत है। अब ये सीटें 900 हो जाने की संभावना जताई जा रही है।

मजबूत है इंदौर का दावा
कुछ समय पहले आईआईएम की बैठक में मानव संसाधन मंत्री के सामने सीटें बढ़ाने की मांग उठाई गई थी। इस मांग पर विभाग सहमत है और उसने इसके बाद आईआईएम से बढ़ी हुई सीटों के प्रस्ताव मंगवाए हैं। आईआईएम को इन्फ्रास्क्ट्रक्चर और फैकल्टी की उपलब्धता के दो बिंदुओं के आधार पर यह प्रस्ताव भेजने को कहा गया है। इन्हीं बिंदुओं के विश्लेषण के बाद उसका अंतिम निर्णय भी होगा। इंदौर का दावा इन दोनों बिंदुओं में पूरी तरह मजबूत है। आईआईएम इंदौर के अधिकारी सीधे मानव संसाधान मंत्रालय से यह प्रस्ताव आने के कारण चुप्पी साधे हुए हैं।

वर्तमान में 9500 सीटें
जानकारी के अनुसार मंत्रालय आईआईएम में सीटों की वर्तमान संख्या 9500 से बढ़ाकर 20 हजार तक ले जाने पर विचार कर रहा है। वर्तमान में देशभर में 20 आईआईएम हैं। इनमें से सात आईआईएम, यानी  अमृतसर, बोधगया, नागपुर, संभलपुर, सिरमौर, विशाखापट्टनम और जम्मू में मात्र 60-60 सीटें हैं तो काशीपुर, शिलांग, रायपुर, रांची, रोहतक,  उदयपुर व तिरुचिरापल्ली में ये सीटें 140 से लेकर 160 तक हैं। पहले दौर में कम सीटों वाले आईआईएम की सीटें बढ़ाई जाएंगी और इसके बाद अन्य की।

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