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बिना अनुमति अधिकारी से मिलने गए तो होगी कार्रवाई

By Dabangdunia News Service | Publish Date: Jan 6 2017 10:43AM | Updated Date: Jan 6 2017 10:43AM
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रफी मोहम्मद शेख इंदौर। गवर्नमेंट कॉलेज के शिक्षक या कर्मचारी को अब आला अफसरों से सीधे मिलने पर रोक लगा दी गई है। ये शिक्षक या कर्मचारी निजी समस्या या अन्य आवेदन लेकर भोपाल में सीधे आयुक्त या अन्य अफसर के पास पहुंचे तो उन पर कार्रवाई की जाएगी। वहां जाने से पहले उसे अपने उच्च अधिकारी से अनुमति लेना होगी। साथ ही ठोस कारण भी बताना होगा। भोपाल में बढ़ती भीड़ को देखते हुए आयुक्त ने ये व्यवस्था लागू की है।

उच्च शिक्षा विभाग के आयुक्त एमबी ओझा ने आला अफसरों से मिलने के लिए लागू की गई व्यवस्था के तहत साफ किया है कि अगर कोई शिक्षक या कर्मचारी डाक से अपनी समस्या उन तक भेजता है तो भी उसका हल प्राथमिकता से किया जाता है। वर्तमान में उनके पास भीड़ बढ़ती जा रही है। शिक्षक-कर्मचारी कई ऐसे प्रकरण ला रहे हैं, जिन्हें डाक या ई-मेल से भेजा जा सकता था। इससे उनका मूल काम और आने वाले का भी काम प्रभावित होता है।

जमा करना पड़ेगा अनुमति-पत्र
नई व्यवस्था के तहत किसी को भी अगर आला अफसरों से मिलना है तो अपने से बड़े अधिकारी से अनुमति लेना होगी। उसके बाद ही ये मुलाकात हो पाएगी। साथ ही जरूरी किया गया है कि वह अपने नियंत्रण अधिकारी से इसकी अनुमति प्राप्त कर उसकी प्रतिलिपि लेकर आए। इसे उच्च शिक्षा विभाग आयुक्त कार्यालय के स्वागत कक्ष में जमा करने के बाद ही मुलाकात हो पाएगी। पहले संबंधित इस पत्र को जांच-परखकर अधिकारी को सूचना देंगे कि इनका मिलना वास्तव में जरूरी है। बिना नियंत्रण अधिकारी के अनुमति-पत्र के यहां आने पर शिक्षक-कर्मचारी के खिलाफ विभागीय कार्रवाई होगी।

बिना कारण अनुमति ही नहीं
आयुक्त ने मातहत अफसरों को भी निर्देश दिए हैं कि वे शिक्षक या कर्मचारी को शासकीय या निजी कार्य के लिए उच्च अफसरों से मिलने की अनुमति तभी दें, जब इसे डाक या ई-मेल से भेजना संभव न हो। साथ ही यात्रा की अनुमति के साथ ही व्यक्तिगत कार्य के लिए मिलना है तो नियमानुसार अवकाश लेकर ही आएं। बिना ठोस कारण के अनुमति जारी की गई तो नियंत्रण अधिकारी के खिलाफ भी कार्रवाई होगी।

विभिन्न मामलों में आते हैं

भोपाल स्थित आयुक्त कार्यालय में शिक्षक-कर्मचारी, बल्कि अधिकारी व प्राचार्य भी वेतन भुगतान, अवकाश, विभिन्न अनुमतियों, स्थानांतरण, पदोन्नति आदि समस्याओं को लेकर अफसरों से मिलने आते हैं। इनकी व्यक्तिगत समस्याएं भी होती हैं। बड़े अफसरों के पास अधिकारियों, शिक्षक व कर्मचारियों की भीड़ जमा रहती है और उन्हें अपने कार्यों में समस्या आती है। वर्तमान प्रमुख सचिव आशीष उपाध्याय जब आयुक्त थे, तब उन्होंने सीधे उनके कार्यालय में आने वाले शिक्षक-कर्मचारियों के विरुद्ध कार्रवाई शुरू की थी। उसके बाद सचिन सिन्हा ने आयुक्तकाल में ऐसा पत्र जारी किया था। अब एमबी ओझा ने परेशान होकर ये व्यवस्था लागू की है।

सीधे जाना ही गलत
अपनी मर्जी से वहां जाना ही गलत है। कोर्ई भी समस्या है तो नियंत्रण अधिकारी के पास जाएं। पत्र भेजें या ई-मेल करें। सीधे जाने से कोई समस्या हल नहीं होती है।
- डॉ. आरएस वर्मा, अतिरिक्त संचालक - उच्च शिक्षा विभाग, इंदौर संभाग

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