अनिल धारवा इंदौर। रामभरोसे रहने वाली रामजी वाटिका के रहवासियों को सुविधाएं देने के नाम पर कॉलोनाइजर ने कई वादे किए, लेकिन उन्हें पूरा नहीं किया। उल्टे रहवासियों से मेंटेनेंस के नाम पर लाखों रुपए वसूले जा रहे हैं। यही वजह है कि कॉलोनी में अब तक 30 से 40 लोगों ने ही अपने आशियाने खड़े किए है। अब रहवासी कालोनाइजर की वादाखिलाफी को लेकर कलेक्टर से गुहार लगाने वाले हैं।
10 साल से नहीं हुआ विकास
मिर्जापुर बायपास स्थित रामजी वाटिका के रहवासी एक दशक से विकास के लिए तरस रहे हैं। कॉलोनाइजर पर अफसरों की मेहरबानी का ही परिणाम है कि यहां अभी भी अस्थायी कनेक्शन ही हैं। स्ट्रीट लाइट के आभाव में शाम होते ही पूरी कॉलोनी अंधेरे में डूब जाती है। कॉलोनाइजर और डेवलपर्स की मनमानी से परेशान रहवासियों ने अपनी पीड़ा कलेक्टर पी. नरहरि के सामने भी रखी, लेकिन अभी तक परेशानी जस की तस है। सुनवाई के नाम पर रहवासी हर बार जांच अधिकारी जूनी इंदौर एसडीएम के सामने पेश होते हैं, लेकिन समस्या का समाधान नहीं हो पा रहा है।
अधिकारी भी नहीं कर रहे रहवासियों की सुनवाई
दादागीरी कर वसूल रहे मेंटेनेंस
कॉलोनाइजर ने खुद ही रहवासी संघ के नाम पर रसीद कट्टा छपवा लिया। हर प्लॉटधारक से सुविधाओं के नाम पर पांच हजार रुपए वसूले जा रहे हैं। जिन सुविधाओं की दुहाई देकर भारी-भरकम राशि वसूली जा रही है, उनके लिए रहवासी लंबे समय से संघर्ष कर रहे हैं।
सूखी पड़ी है पानी की टंकी
कॉलोनी में रहवासियों की सुविधा के लिए पानी की टंकी बनाई गई है, लेकिन व्यस्थित पाइप लाइन नहीं होने से यह महज शोपीस बनकर रह गई है। यहां के रहवासी पानी के लिए तरस रहे हैं और हर परिवार ट्यूबवेल पर ही निर्भर है।
30-40 मकान ही बने हैं
यहां रहने वाले परिवारों की मानें तो कॉलोनाइजर ने 201 प्लॉट बेचे हैं, लेकिन 30 से 40 परिवारों ने ही मकान बनाए हैं। सुविधाओं के अभाव में अन्य प्लॉटधारक यहां निर्माण नहीं कर रहे हैं। खुद के प्लॉट होने के बाद भी अधिकांश लोग किराए के मकानों में रहने को मजबूर हैं।
अब आंदोलन की तैयारी
प्लॉटधारकों की मानें तो वे जल्द ही कॉलोनाइजर के खिलाफ मोर्चा खोलने की तैयारी में हैं। वे एक बार फिर जनसुनवाई में कलेक्टर के सामने कॉलोनाइजर की वादाखिलाफी की शिकायत करने वाले हैं।