विवानसिंह राजपूत इंदौर। करोड़ों की ठगी में फरार मनीष बंसल ने राऊ में श्रीकृष्ण पैराडाइस कॉलोनी काटी है। यह कॉलोनी शुरू से ही विवादों में रही। उक्त कॉलोनी में ठग मनीष के साथ उसके रिश्तेदार भी मिले हुए हैं। मनीष ने लोगों को कॉलोनी में प्लॉट देने के नाम पर करोड़ों रुपए की वसूली कर ली। फिर अपने ही आॅफिस में काम करने वाले रिश्तेदार कर्मचारी के साथ झूठी गबन की रिपोर्ट भंवरकुआं थाने में लिखवा दी। पुलिस ने जब कर्मचारी से पूछताछ की, तो मनीष की पोल खुल गई, लेकिन मनीष के रसूख के चलते पुलिस ने उस पर केस दर्ज नहीं किया, बल्कि छोड़ दिया गया। अब राऊ थाना पुलिस ने करोड़ों की धोखाधड़ी का केस मनीष और कॉलोनी के कर्ताधर्ताओं के खिलाफ दर्ज किया है। सीएसपी अन्नपूर्णा सुनील पाटीदार इसकी जांच कर रहे हैं, किंतु केस दर्ज होने के बाद भी मनीष और उसके साथियों को पुलिस गिरफ्तार नहीं कर रही है।
श्री कृष्णा पैराडाइस कॉलोनी के मुख्य कर्ताधर्ता नवीन पिता केशरीमल जैन निवासी वायएन रोड व मनीष पिता राधेश्याम बंसल निवासी जानकी नगर है। दोनों जालसाजों ने कॉलोनी के मेन प्लॉट के सौदे शुरू किए थे। पहले तो लोगों को बताया था कि यह कॉलोनी अत्याधुनिक बनाई जाएगी। इसके बाद दोनों ठगोरों ने एक ही प्लॉट को चार लोगों बेच कर रुपए ऐंठे। उक्त रुपए का लेन-देन कच्ची पर्ची पर किया गया था। यह लेन-देन मनीष का रिश्तेदार व मुनीम अंकुश पिता ओमप्रकाश अग्रवाल निवासी श्रीकृष्ण एवेन्यू और उसका भाई आकाश करता था।
पीड़ित अपने घर बेच कर लोगों को चुका रहे रुपए
मनीष व नवीन की कॉलोनी में कुछ ऐसे बिकवाल भी थे, जिन्होंने लोगों के रुपए कॉलोनी में निवेश करवाए थे। उक्त बिचवालों को अब अपने घर बेचना पड़ रहे हैं, क्योंकि जिन लोगों को उन्होंने मनीष से प्लॉट दिलवाए थे, उनके प्लॉट की रजिस्ट्री पूरे रुपए देने के बाद भी नहीं हुई। अपने घर बेचकर यह बिचवाल लोगों के रुपए चुका रहे हंै। कई पीड़ितों की यह हालत है कि उन्होंने अपने मकान तक गिरवी रख दिए हैं, किंतु इन शातिर ठगों का अब तक कुछ भी नहीं हो पा रहा है।
आरोप : बचने के लिए मुनीम पर करवाया केस
कॉलोनी में लाखों रुपए का निवेश करने वाले लोगों को मनीष व नवीन धांधलियों का पता चला तो रुपए लौटने की मांग करने लगे। शातिर मनीष ने मुनीम अंकुश के साथ मिलकर एक प्लान बनाया था। उसने अंकुश पर भंवरकुआं थाने में झूठा 23.50 लाख रुपए के गबन का केस 20 जनवरी 2015 को दर्ज करवाया। अंकुश फरार था भंवरकुआं पुलिस उसे पंजाब से पकड़ कर लाई थी। जब अंकुश से पूछताछ हुई, तो पुलिस ने उसके भाई आकाश को भी थाने बुलाया। पूछताछ में दोनों ने बंसल की पोल खोल दी। दोनों ने बताया मनीष को कॉलोनी के पीड़ित लोग परेशान कर रहे थे, उसे कुछ एग्रीमेंट व दस्तावेज पीड़ितों से प्राप्त करने थे, इसलिए उसने यह झूठा केस दर्ज करवाया है।
थाने में बैठा रहा
पीड़ितों के मुताबिक जब अंकुश व आकाश भंवरकुआं पुलिस की गिरफ्त में थे, तब पुलिस ने उनके बयान लेने के बाद मनीष बंसल को भी थाने बुलाया था। भंवरकुआं के तत्कालीन टीआई, एएसपी व सीएसपी भी थाने पर मौजूद थे। रात दो बजे तक मनीष को थाने में पुलिस ने बैठकर पूछताछ की थी, किंतु बाद में मनीष ने सेटिंग कर ली और थाने से छूट गया था। इसी रात पीड़ित पक्ष के कई लोग थाने पर मौजूद थे। मनीष थाने से बाहर निकल कर पीड़ितों को कहने लगा उसने 25 लाख रुपए में पूरा थाना खरीद लिया है।
अब अन्नपूर्णा सीएसपी ठगोरों पर ‘नरम’
राऊ पुलिस ने हाल ही में मनीष, नवीन, अंकुश, आकाश व श्रीकृष्ण देवकॉन लिमिटेड कंपनी के संचालक पर धोखाधड़ी सहित अन्य धाराओं में केस दर्ज किया है। यह तो पुलिस का नियम होता है कि एफआईआर होने के बाद आरोपी की गिरफ्तारी कर उसे कोर्ट में पेश किया जाता है, जिसके बाद आरोपी कोर्ट में अपने पक्ष की बात रखता है, किंतु इस केस में उलटा हो रहा है। सीएसपी पाटीदार की मेहरबानी से यह ठगोरे शहर में घूम रहे हैं, किंतु उन्हें जांच के नाम पर बख्शा गया है। सीएसपी सुनील पाटीदार ने बताया मामले में विवेचना चल रही है।