रफी मोहम्मद शेख इंदौर। प्रदेश के 400 से ज्यादा शासकीय कॉलेजों के प्रिंसिपल के लिए नए साल में नए निर्देश लागू हो गए हैं। सभी प्रिंसिपल को दिन में तीन बार कॉलेज का ई-मेल चेक करना जरूरी किया है, ताकि उच्च शिक्षा विभाग और अतिरिक्त संचालक कार्यालय द्वारा भेजे गए निर्देशों का तुरंत पालन किया जा सकें। इसके अतिरिक्त अब सभी कॉलेजों को खरीदी का एक ही हिसाब रखना होगा।
विभाग ने अपने आदेश में साफ कर दिया है कि कॉलेज प्रिंसिपल उनके द्वारा भेजे गए निर्देशों के पालन में किसी प्रकार की कोई कोताही नहीं बरत सकेंगे। विभाग पिछले साल से ही अपने सारे निर्देश अपनी वेबसाइट और ई-मेल द्वारा भेजना शुरू कर चुका है। ग्रीन इनिशेटिव के तहत ऐसा करने वाला उच्च शिक्षा सबसे पहला विभाग बना था।
अब नहीं चलेगा बहाना
वर्तमान में कई बार कॉलेज प्रिंसिपल यह बहाना बना देते हैं कि वे आदेश को देख नहीं पाए थे, जबकि कई बार आदेश आवश्यक और तुरंत जवाब देने वाले रहते हंै। खासकर विधानसभा सहित मुख्यमंत्री कार्यालय संबंधी सवालों का तुरंत जवाब दिया जाना होता है। इससे विभाग को खासी परेशानी होती है। अब इस आदेश के बाद अब कॉलेज समय में प्रिंसिपल को किसी न किसी को यह जिम्मेदारी देना जरूरी होगा।
विवि को भी निर्देश
प्रमुख सचिव आशीष उपाध्याय ने कॉलेजों को कहा है कि विभिन्न परियोजनाओं में क्रय की गई वस्तुओं का हिसाब और उन्हें जमा करने की संबंधी कार्रवाई एक ही स्टॉक रजिस्टर में की जाएगी। यह व्यवस्था लाइब्रेरी और अन्य किताबों के लिए भी रहेगी। विभाग द्वारा यूनिवर्सिटी को भी यही व्यवस्था रखने के लिए निर्देशित किया गया है। उन्हें कहा गया है कि वो अलग-अलग प्रोजेक्ट के लिए अलग-अलग रजिस्टर नहीं बनाए।
तो दो कनेक्शन लो
कई बार कॉलेज यह जवाब भी देते हैं कि इंटरनेट या नेटवर्क नहीं था। खासकर दूरदराज के कॉलेजों का यही रटारटाया जवाब होता है। इस पर भी विभाग ने साफ कर दिया है कि उन्हें इससे कोई मतलब नहीं है कि वहां क्या समस्या है। ऐसा है, तो कम के कम दो कंपनियों के अलग-अलग कनेक्शन लिए जाएं। वर्तमान में ई-अटैंडेंस अनिवार्य करने के बाद अब ऐसा करना जरूरी कर दिया गया है।
निरीक्षण के समय आसानी
नई व्यवस्था से अचानक किए जाने वाले निरीक्षणों के दौरान कोई भी कॉलेज अलग-अलग अकाउंट और अलग-अलग रजिस्टर होने की दलील नहीं दे पाएगा। इससे उच्च शिक्षा विभाग सहित अतिरिक्त संचालकों को निरीक्षण के दौरान तुरंत सारी जानकारी अपडेट और एक साथ सामने मिलेगी। साथ ही कोई गड़बड़ी होने की स्थिति तुरंत सामने होगी। इससे यूनिवर्सिटी के अलग-अलग डिपार्टमेंट में खरीदी जाने वाली किताबों की भी एक ही इंट्री रजिस्टर में रखना होगी।