अनूप सोनी इंदौर। भारतीय रिजर्व बैंक ने 1 जनवरी 2017 के बाद एसबीआई से लोन लेने वालों के लिए एमसीएलआर (मार्जिनल कास्ट आॅफ लैंडिंग रेट) आठ प्रतिशत तय किया है। इससे लोग यह अनुमान न लगाएं कि अब उन्हें होम लोन आठ प्रतिशत पर मिलेगा। इस प्रतिशत के साथ बैंक अपने विभिन्न खर्चे और फायदा जोड़ेगी, जिसका भुगतान लोन लेने वाले को करना पड़ेगा। एसबीआई 30 लाख रुपए तक का होम लोन महिला को 8.50 प्रतिशत पर और पुरुष को 8.55 प्रतिशत पर देगी, यानी साफ है कि एसबीआई ने 0.50 और 0.55 प्रतिशत अपना खर्चा (बीपीएस) और फायदा जोड़ा है।
इसलिए बनाया एमसीएलआर
जब कोई व्यक्ति बैंक में नियत राशि को फिक्स्ड डिपॉजिट के रूप में जमा करता है तो बैंक उस व्यक्ति को उस राशि पर हर साल या महीने के हिसाब से ब्याज देती है, जो कम होता जा रहा है। एसबीआई के विभिन्न फिक्स्ड डिपॉजिट देखें तो विभिन्न समय के हिसाब से 5.50 से सात प्रश तक है। साफ है कि बैंक लोगों से रुपए लेकर कम ब्याज देती है और जब बैंक रुपए ( लोन) देती है, तो ज्यादा ब्याज लेती है। सरकार ने बैंकों के दोनों तरफ के फायदे कम करने एमसीएलआर रेट बनाया। अब हर बैंक एससीएलआर पर सिर्फ अपना खर्चा (बीपीएस) व थोड़ा फायदा जोड़ सकती है।
कर्जदार की मजबूरी
एसबीआई ने फिक्स ब्याज (दस, बीस साल तक एक जैसा ब्याज) का होम लोन बंद कर दिया है। लोगों की मजबूरी है वह एसबीआई से एमसीएलआर, खर्चा, फायदा आदि जोड़ा हुआ लोन ही ले। दो साल तक व्यक्ति की मजबूरी हो जाती है कि वह एमसीएलआर कम-ज्यादा होने पर किस्त चुकाता रहे।
एक साल तक चलेगा ब्याज
आरबीआई ने एसबीआई के लिए एक साल के लिए एमसीएलआर आठ प्रतिशत, दो साल के लिए 8.10 प्रतिशत व तीन साल के लिए 8.15 प्रतिशत तय किया है। 1 जनवरी के बाद कोई महिला होम लोन लेगी, तो उसे एक साल के लिए 8.50 प्रश ब्याज का भुगतान करना होगा।
ज्यादा राशि पर और ज्यादा ब्याज
एसबीआई तीस लाख रुपए तक के होम लोन पर महिला से 8.50 प्रतिशत और पुरुष से 8.55 प्रतिशत ब्याज लेगी। जब होम लोन की राशि 30 लाख से 75 लाख रुपए के बीच होती है तो बैंक महिला से 8.60 प्रतिशत व पुरुष से 8.65 प्रतिशत ब्याज लेगी। 75 लाख रुपए से ऊपर ब्याज और बढ़ेगा।
0.90 प्रतिशत घटा एमसीएलआर
आरबीआई ने 1 जनवरी 2017 से एसबीआई का एमसीएलआर 0.90 प्रतिशत घटाया है। पहले एमसीएलआर 8.90 प्रतिशत था, यानी 8.90 प्रतिशत के ऊपर बैंक अपना खर्चा और फायदा जोड़कर होम लोन की किस्त तय करती थी। इस हिसाब से देखा जाए तो लोन लेने वाले व्यक्ति को अब बड़ा फायदा (कम से कम एक साल तक) है।