कृष्णपाल सिंह इंदौर। चाइनीज मांजे में उलझकर कबूतर, चील जैसे परिंदों ने अपने पंख, पंजे खो दिए। कई की हड्डियां तक टूट गई। लंबे संघर्ष के बाद जू प्रबंधन ने इनका उपचार कर इन्हें दोबारा खड़ा कर दिया। अब ये उड़ान भरने की कोशिश कर रहे हैं। इसीलिए चिड़ियाघर प्रबंधन ने इनके लिए खास व्यवस्था की है। करीब 10 एकड़ के खुले खेत में इन्हें छोड़ दिया गया, ताकि वे अपने भोजन की व्यवस्था खुद करें। इनके पंख कट गए, लेकिन अब ये प्यार के रास्ते दाना-पानी जुटा रहे हैं। इन्हें खेतों में पर्याप्त भोजन भी मिल रहा है। इनमें से कई परिंदे अब उड़ान भी भरने लगे हैं।
मांजे में उलझकर हो जाते हैं घायल
दरअसल, हर साल मकर संक्रांति पर पतंगबाजी होती है। बाजार में मौजूद चाइनीज मांजे में उलझकर कई परिंदे घायल हो जाते हैं। इन्हें उपचार के लिए चिड़ियाघर पहुंचाया जाता है। हालांकि प्रशासन ने चाइनीज मांजे पर सख्ती कर दी और छापामार कार्रवाई भी की जा रही है। फिर भी कई जगह इन्हें गुपचुप तरीके से बेचा जा रहा है।
हम उनका ख्याल रखते हैं
चिड़ियाघर प्रभारी डॉ. उत्तम यादव ने बताया कि हमारे पास ऐेसे परिंदे आते हैं, जो मांजे के कारण उड़ने की क्षमता खो देते हैं। हम इनका इलाज कर इन्हें खेत में छोड़ देते हैं। वहां इन्हें कीड़े-मकोड़े सहित खाने की अन्य चीजें मिल जाती हैं। खेतों में सामान्य परिंदे भी आते हैं, जिनके साथ ये परिंदे भी उड़ान भरने की कोशिश करते हैं। मांजे से घायल होने के अलावा जू में ऐेसे परिंदे भी आते हैं, जो करंट से या आपस की लड़ाई में जख्मी हो जाते हैं। लोग इन्हें इलाज के लिए हमारे पास छोड़ जाते हैं।