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चोइथराम मंडी में केंटीन की आड़ में पंद्रह अवैध दुकानें

By Dabangdunia News Service | Publish Date: Dec 29 2016 10:32AM | Updated Date: Dec 29 2016 10:32AM
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अनिल धारवा इंदौर। चोइथराम फल व सब्जी मंडी इन दिनों अफसरों की मनमानी का शिकार है। अपना हित साधने के लिए ये नियमों को ताक में रख शासन को आर्थिक चपत लगा रहे हैं। यहां तीन के बजाय पांच केंटीन खोल दी गर्इं, जिनकी आड़ में चाय-पान की करीब 15 दुकानें अवैध रूप से संचालित की जा रही हैं। इनसे रोज 300 से 500 रुपए रोज वसूलकर अफसर अपनी जेब गरम करते हैं।

मंडी परिसर में आने वाले किसानों और अन्य लोगों के लिए खाने-पीने की व्यवस्था के तहत शासन के निर्देशानुसार केंटीन नीलाम की जाती है। इससे होने वाली आय किसानों को सुविधाएं मुहैया कराने पर खर्च होना चाहिए, लेकिन  अफसरों की मनमानी से ऐसा नहीं होता। उक्त केंटीन रसूखदारों की हैं, जिनसे अफसरों को ‘भेंटपूजा’ मिलती रहती है। ये दुकानें लखन पटेल, राजेश पटेल और राकेश जैन के नाम से हैं।

दुकानें कमाई का जरिया

मंडी परिसर में तीन केंटीन नीलाम की गई थीं। इनके संचालकों ने चाय-पान की दुकानें भी खुलवा दीं, जबकि केंटीन शर्तों में इसका कहीं उल्लेख नहीं है। सूत्रों के मुताबिक इन दुकानदारों से प्रतिदिन लिए जाने वाले 300 से 500 रुपए शुल्क का एक हिस्सा अफसरों व समिति तक पहुंचता है।

कोर्ट में मामला
मंडी समिति द्वारा यहां विधिवत रूप से तीन केंटीन शुरू कराई थीं। इसके लिए 2006 में नीलामी प्रक्रिया से तीन साल के लिए ये ठेके पर दी गर्इं। शर्तों में तीन साल के बाद एक साल आगे बढ़ाने का अधिकार मंडी समिति को होने से 2009 में तीन साल पूरे होने के बाद एक साल बढ़ा दिया गया। 2010 के बाद इन्हें नियमानुसार खाली कराकर नए टेंडर निकालना थे, लेकिन मामला कोर्ट में उलझकर रह गया।

अलाटमेंट किया गया
कुछ  दुकानें नीलामी प्रक्रिया से नहीं दी गई  है, उनका अलाटमेंट किया गया है। जैसे मिल्क पार्लर आदि हैं।                                               - बीबीबीएस तोमर, सचिव, कृषि उपज मंडी समिति

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