अनिल धारवा इंदौर। छावनी और लक्ष्मीबाई नगर अनाज मंडी में व्यापारियों की मनमानी से किसान त्रस्त हैं। किसानों की उपज की नीलामी के लिए बनाए गए शेड पर कब्जा कर व्यापारियों ने उसे गोदाम बना लिया है। ‘दक्षिणा’ मिलने के चलते अफसर व्यापारियों की सुख-सुविधाओं का ख्याल रखते हैं।
प्रदेश में किसानों की आय दोगुना करने के लिए मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान हमेशा नई-नई घोषणाएं करते रहते हैं, लेकिन इन दोनों मंडियों में अफसर मुख्यमंत्री के प्रयासों को असफल करने में लगे हैं। इसके चलते अफसर किसानों की सुविधाओं के बजाय व्यापारियों का ज्यादा ध्यान रखते हैं। यही वजह है कि किसानों की उपज नीलाम किए जाने के लिए बने टीन शेड पर किसानों के वाहन लगने के बजाए व्यापारियों द्वारा खरीदी गई उपज के ढेर लगे हैं।
‘भगवान’ धूप में, व्यापारी छांव में
हाल ही में प्रदेश के मुखिया शिवराज सिंह चौहान ने किसानों को भगवान की संज्ञा दी थी। लेकिन मंडी प्रशासन ने इन भगवानों को उनकी उपज के साथ धूप में तपने के लिए मजबूर छोड़ रखा है। यही वजह है कि व्यापारियों ने अपना साम्राज्य गोदामों से बढ़ाकर मंडी परिसर में फैला लिया है।
अफसरों को मिलती है ‘दक्षिणा’
सूत्रों की मानें तो दोनों मंडियों में व्यापारियों को दी जा रही इस अतिरिक्त सुविधा के बदले अफसरों को बड़ी ‘दक्षिणा’ मिलती है। छावनी अनाज मंडी में जगह की कमी बताकर अफसर व्यापारियों को सुविधाएं देकर सेवा शुल्क वसूल रहे हैं। जबकि लक्ष्मीबाई मंडी में काफी जगह होने के बावजूद व्यापारी अपना माल शेड में रखते हैं।
इसलिए बने हैं शेड
किसान नीलामी के लिए लाने वाली अपनी उपज इन शेड में रखकर धूप और बारिश से बचा सकें।
आरोप निराधार है
छावनी अनाज मंडी में जगह की कमी होने से व्यापारियों को शेड में माल रखने की अनुमति देते हैं। तुलाई के बाद व्यापारी वहां से माल उठा लेते हैं। लंंबे समय तक माल रखा नहीं होता है। आरोप निराधार है।
- सुरेश शर्मा, प्रभारी, अनाज मंडी