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परीक्षा केंद्र बदलने का समय नहीं, जो बनाए हैं वही रहेंगे

By Dabangdunia News Service | Publish Date: Dec 24 2016 10:27AM | Updated Date: Dec 24 2016 10:27AM
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आदित्य शुक्ला इंदौर। 10वीं और 12वीं कक्षा की बोर्ड परीक्षाओं के लिए बनाए गए परीक्षा केंद्रों की जांच कराए जाने के जवाब में डीईओ ने कहा कि अब जांच करवाना बेमानी है। परीक्षा केंद्र बदलने का समय नहीं है, जो केंद्र बनाए गए हैं वही रहेंगे।

नियमों को ताक पर रख इस वर्ष हाईस्कूल और हायर सेकंडरी बोर्ड परीक्षा के लिए 129 केंद्र बनाए गए हैं, जिनमें 25 शासकीय स्कूलों को हटाकर निजी स्कूलों को शामिल कर दिया गया है। शासन को जब इसकी शिकायत मिली तो कलेक्टर को जांच कर बोर्ड परीक्षा केंद्र बदलने के निर्देश दिए। इस पर कलेक्टर पी. नरहरि ने तत्काल जिला पंचायत सीईओ वरदमूर्ति मिश्रा को परीक्षा केंद्रों की जांच कराने और व्यवस्थाहीन परीक्षा केंद्रों को बदलने के निर्देश दिए। जिस पर डीईओ अनुराग जायसवाल को जांच की हिदायत मिली, किंतु उन्होंने जांच के निर्देश को पूरी तरह से दरकिनार करते हुए जवाब दिया कि अब परीक्षा केंद्र बदलने का समय नहीं है, जो स्कूल परीक्षा केंद्र बनाए गए हैं, उन्हीं में परीक्षाएं होंगी। डीईओ का तर्क है कि अब स्कूलों के नाम प्रवेश पत्रों में छप गए होेंगे। परीक्षा सामग्री भी स्कूलों के नाम से तैयार हो गई होगी। ऐसे में परीक्षा केंद्र बदलना उचित नहीं होगा। इस तर्क से कलेक्टर के तेवर भी ठंडे पड़ गए।

सेटिंग का खेल

निजी स्कूल संचालक नकल माफिया ने इस वर्ष स्थानीय अफसरों से लेकर भोपाल के अधिकारी और मंत्री से भी सेटिंग कर ली है, जिससे इस वर्ष बोर्ड परीक्षा डीईओ नहीं, बल्कि नकल माफिया के तरीके से होगी। शिक्षा विभाग में इस बात की चर्चा भी जोरों पर है कि मंत्री की वजह से ही डीईओ ने शासकीय स्कूलों को हटाकर निजी स्कूलों को परीक्षा केंद्र बनाया है, जिससे नकल माफिया मनमानी कर सके। इसी वजह से जांच भी नहीं कराई गई और परीक्षा केंद्र बदलने से इनकार भी कर दिया।

129 परीक्षा केंद्र
इस वर्ष बोर्ड परीक्षा के लिए 129 परीक्षा केंद्र बनाए गए हैं। इनमें करीबन 60 निजी स्कूल शामिल हैं। हंसराज उमावि लुहार पट्टी, मदर लैंड सुखलिया सहित कई ऐसे स्कूल है, जो नकल के लिए कुख्यात है। फिर भी डीईओ ने जानबूझकर इन्हें बोर्ड परीक्षा केंद्र बनाया है। बाद में जब जांच की बात आई, तो नहीं बदलने का तर्क देकर जांच कराने से पीछे हट गए।

सामूहिक नकल की संभावना
बोर्ड परीक्षा में जिले में सामूहिक नकल के मामले ज्यादा होने की संभावना जताई जा रही है। चर्चा है कि दो वर्ष में जितना नुकसान नकल माफिया को हुआ है, उसकी भरपाई इस वर्ष हो जाएगी। अगले वर्ष से ठेके पर पास कराने की दुकान फिर धड़ल्ले से चलने लगेगी।

नीमच जा सकते हैं डीईओ
सूत्रों की माने, तो नकल माफिया के इशारे पर पूरी बोर्ड परीक्षा कराने वाले डीईओ अनुराग जायसवाल का तबादला उनके गृहक्षेत्र नीमच में कराने का आश्वासन भी उन्हें मिला है, जिसकी वजह से किसी भी काम में दखल नहीं दे रहे हैं, बल्कि जितना संभव हो नकल माफिया के अनुरूप कार्य करने का प्रयास कर रहे हैं। परीक्षा होते ही उनके तबादला आदेश जारी हो सकते हैं।

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