कपिल राठौर इंदौर। नियम के कारण पुलिस विभाग के बड़े अफसर भले ही बदल जाएं, पर अपराध शाखा को इससे कोई फर्क नहीं पड़ता। इस शाखा में हेडसाब और सहायक उपनिरीक्षक वर्षों से डटे हैं। इसे लेकर नए अफसर सक्रिय दिखाई दिए। उन्होंने शाखा की जानकारी बुलवाकर पुराने कर्मचारियों का तबादला करने की बात कही है।
सेंट्रल कोतवाली स्थित अपराध शाखा में करीब आधा दर्जन हेडसाब और सहायक उपनिरीक्षक लंबे समय से डटे हुए हैं। इस बीच शाखा में करीब इतने ही एएसपी आकर चले गए। चार डीआईजी भी इधर से उधर हो चुके हैं, लेकिन ये पुलिसकर्मी अब तक यहीं काबिज हैं। इनमें सबसे पुराने हेडसाब रमेश सिंह तो 2004 से पदस्थ हैं। वहीं राजभान 2008 तो ओंकार सिंह 2009 से जमे हैं, जबकि इस बीच अपराध शाखा में अन्य कई सिपाही और हेडसाब आकर चले गए। इसी तरह हेडसाब तेज सिंह व चंदर सिंह 2011, ओमप्रकाश और विजय बहादुर 2012 तथा ब्रजभूषणसिंह शक्तावत 2013 से यहां पदस्थ हैं। वहीं तीन एएसआई भारतप्रसाद यादव, विजेंद्रसिंह जाट और रोहित डेविड भी 2012 से जमे हुए हैं।
जल्द करेंगे फेरबदल
इस मामले में मुख्यालय एसपी यूसुफ कु रैशी से बात की गई तो उन्होंने कहा कि क्राइम ब्रांच में पदस्थ पुलिसकर्मियों की जानकारी मांगी है। जल्द ही ब्रांच में फेरबदल करेंगे। हाल ही में डीआईजी हरिनारायणचारी मिश्रा ने भी कहा था कि अपराध शाखा में पदस्थ पुलिसकर्मियों, जिनकी शिकायत ज्यादा हैं और लंबे समय से यहां टिके हैं, उन्हें समीक्षा के बाद हटाया जाएगा।
डीआईजी ने किया था बदलाव
तत्कालीन डीआईजी संतोषकुमार सिंह ने जुलाई में पूर्व और पश्चिम जोन के थानों से कई पुलिसकर्मियों का तबादला किया था। कई बार आदेश के बाद भी ये वहां से नहीं हिले। नए डीआईजी मिश्रा को इसकी भनक लगी तो ऐसे पुलिसकर्मियों की जानकारी बुलवाकर थाना प्रभारियों ने रातोरात उन्हें रवाना कर दिया। कुछ पुलिसकर्मी अब भी थानों में हैं। इसकी जानकारी डीआईजी ने थाना प्रभारियों को पत्र भेजकर मांगी है।