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बसों में दो दरवाजों की अनिवार्यता का शासन का निर्णय सही - हाई कोर्ट

By Dabangdunia News Service | Publish Date: Dec 16 2016 10:10AM | Updated Date: Dec 16 2016 10:10AM
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तेज कुमार सेन इंदौर। निजी बसों में दो दरवाजों की अनिवार्यता पर राज्य सरकार द्वारा जारी नोटिफिकेशन को हाई कोर्ट ने सही ठहराया है। इसके विरोध में दायर की गई करीब 15 से अधिक याचिकाएं खारिज करते हुए कोर्ट ने माना कि इस संबंध में निर्णय लेने का अधिकार राज्य शासन को है। याचिकाओं में कहा गया था कि राज्य को ऐसा नोटिफिकेशन जारी करने का अधिकार नहीं है। इस बारे में नीति केंद्र सरकार तय करती है। जस्टिस पीके जायसवाल व वीरेंदर सिंह की डिविजन बेंच ने यह महत्वपूर्ण फैसला दिया है। इसमें शासन की ओर से अतिरिक्त महाधिवक्ता सुनील जैन ने तर्क रखे।

यह था मामला - सेंधवा में हुई बस जलाने की घटना के बाद राज्य शासन ने नोटिफिकेशन जारी कर दो दरवाजों को अनिवार्य किया था। इसके बिना बसों का रजिस्ट्रेशन, फिटनेस आदि रोक दिए गए। इस पर कई बस कंपनी व आॅपरेटरों की ओर से अलग-अलग 15 से ज्यादा याचिकाएं लगाकर इसे चुनौती दी गई।

इसमें कहा गया कि किसी भी कंपनी द्वारा जो नई गाड़ी बनाई जाती है, उसकी डिजाइन सेंट्रल मोटर व्हीकल रूल की धारा 126 के मुताबिक तय की जाती है और इसमें बदलाव का अधिकार धारा 110 के तहत सिर्फ केंद्र सरकार को है। राज्य सरकार की उक्त अनिवार्यता के कारण कंपनियों को अनेक अव्यवहारिक दिक्कतें आ रही हैं। अत: इस नोटिफिकेशन को निरस्त किया जाए।

राज्य शासन का तर्क : धारा 110 के तहत राज्य को भी एक्ट में बदलाव का अधिकार है। कोर्ट ने अपने फैसले में शासन के तर्क को सही मानते हुए सभी याचिकाएं खारिज कर दी। अतिरिक्त महाधिवक्ता सुनील जैन ने इस आदेश की पुष्टि की है।

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