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निगम की नई बिल्डिंग में नेतागीरी बनी रुकावट

By Dabangdunia News Service | Publish Date: Dec 15 2016 9:54AM | Updated Date: Dec 15 2016 9:54AM
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कृष्णपाल सिंह इंदौर। निगम मुख्यालय में 17 करोड़ की लागत से बन रही बिल्डिंग का पहला फ्लोर तैयार हो गया है। इसमें फिनिशिंग सहित अन्य काम पूरे हो गए, जबकि एल्युमिनियम सेक्शन का काम चल रहा है। कुछ विभागों की शिफ्टिंग भी हो गई। पुरानी बिल्डिंग का अब जो हिस्सा तोड़ना है, उसे लेकर नेतागीरी आड़े आ गई, क्योंकि इसमें एमआईसी सदस्यों के कक्ष हैं, जो वे खाली नहीं कर रहे।

निगम के समक्ष चुनौती ये है कि जब तक बिल्डिंग का यह हिस्सा पूरी तरह खाली नहीं होता, नई बिल्डिंग का निर्माण भी नहीं हो सकता। इसके चलते अधिकारी एमआईसी सदस्यों से बातचीत कर हल निकालने का प्रयास कर रहे हैं। इनके कमरे नई बिल्डिंग में तैयार हैं और नोटिस बोर्ड भी चस्पा कर दिए गए हैं। नई बिल्डिंग में जनता के बैठने के लिए भी पर्याप्त स्थान है।  अपर आयुक्त देवेंद्र सिंह का कक्ष, जबकि एक ओर प्रधान कार्यालय स्थापना शाखा तो दूसरी ओर कॉलोनी सेल है। इसके अलावा जनकार्य विभाग और मार्केट उपायुक्त के लिए भी कक्ष बन चुका है और इनके अधिकारी वहां बैठने लगे हैं।

कलेक्टोरेट की तर्ज पर बन रही बिल्डिंग का एक फ्लोर तैयार
कमरे छोटे, इसलिए जाना नहीं चाहते
नई बिल्डिंग में एमआईसी सदस्यों के लिए बनाए गए कमरे उन्हें छोटे लग रहे हैं, इसलिए वे वहां शिफ्ट होना नहीं चाहते। अगर बात नहीं बनी तो नई बिल्डिंग का काम तेजी से आगे नहीं बढ़ पाएगा।

ये हैं नई बिल्डिंग की विशेषताएं
अनुमानित लागत 17.00  करोड़ प्रस्तावित निर्मित क्षेत्र 7290 वर्गमीटर ऊंचाई 18 मीटर

कार्य अवधि दो वर्ष
भूतल पार्किंग
प्रथम तल महापौर, आयुक्त के साथ सभाकक्ष, सचिवालय
द्वितीय तल महापौर परिषद सदस्य कक्ष, सचेतक कक्ष, नेता प्रतिपक्ष कक्ष, पुरुष एवं महिला पार्षदों की बैठक व्यवस्था
तृतीय तल परिषद हॉल, सभापति कक्ष, प्रेस एवं अधिकारी दीर्घा, प्रतीक्षालय, डायनिंग हॉल
एअरकंडीशंड, अग्निशमन, तीन लिफ्ट, पार्किंग व्यवस्था
परिषद हॉल बैठक क्षमता 200 व्यक्ति
भवन निर्माता सीएमएम इन्फ्रास्ट्रक्चर प्रालि

पहला कक्ष- एमआईसी सदस्य चंदू शिंदे का, जो निगम में नहीं आते, पर ध्यान पूरा रखते हैं कि आॅफिस को शिफ्ट करना है या नहीं। शिंदे की ओर से कोई संदेश न मिलने के कारण कर्मचारी पुराने कक्ष में ही सामान्य दिनों की तरह कामकाज कर रहे हैं।

दूसरा कक्ष- एमआईसी सदस्य दिलीप शर्मा ने थोड़ी दूर सिटी इंजीनियर कमल सिंह का कक्ष पसंद कर उन्हें नई बिल्डिंग में शिफ्ट करने की बात कही। इस पर सिंह सहमत हो गए। शर्मा ने पुरानी बिल्डिंग में सिंह के कक्ष में शिफ्टिंग के लिए सामान रखना शुरू कर दिया है।

तीसरा कक्ष- एमआईसी सदस्य अश्विनी शुक्ल का है, जिसमें पूरे समय कार्यकर्ता बैठे रहते हैं। फिलहाल ऐसा लग नहीं रहा कि शुक्ल कक्ष खाली करने के मूड में हैं। हालांकि कामकाज यहां भी सामान्य दिनों की तरह ही चल रहा है।

चौथा कक्ष- एमआईसी सदस्य शोभा गर्ग का है। इसमें कर्मचारी आम दिनों की तरह ही काम कर रहे हैं। आसपास के विभाग नई बिल्डिंग में शिफ्ट हो गए, लेकिन ये अभी भी यहीं डटे हैं। पुरानी बिल्डिंग में चल रहे हथौड़ों से भी उन्हें कोई फर्क नहीं पड़ रहा।

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