20 Apr 2024, 10:12:36 के समाचार About us Android App Advertisement Contact us app facebook twitter android

मुनीष शर्मा इंदौर। सुपर कॉरिडोर का जितना फायदा आईडीए को मिल रहा है, उससे कहीं ज्यादा वन विभाग के कुछ अधिकारी निजी तौर पर उठा रहे हैं। वे सरकारी जमीन का सौदा गुपचुप करने से भी नहीं चूक रहे, जिसका बड़ा फायदा कॉलोनाइजरों को मिल रहा है।

कुछ समय पहले हाई लिंक रेसीडेंसी के लिए वन अधिकारियों द्वारा दो एकड़ से ज्यादा जमीन छोड़े जाने की बात सामने आ रही है। इसके लिए न सिर्फ विभाग का मुनारा (चिह्न) हटाया गया, बल्कि तार फेंसिंग व पौधे भी हटाकर दूसरे स्थान पर लगा दिए गए। जहां पहले मुनारा लगाया गया था, अब वहां टाउनशिप का बोर्ड लगा है। जितनी जमीन छोड़ी गई, उसका बाजार मूल्य करीब दस करोड़ रुपए बताया जा रहा है।

जिम्मेदारों ने इस तरह किया अपनी ही जमीन पर खेल
वर्ष 2012 में वन विभाग के अधिकारियों ने इस क्षेत्र की जमीन का राजस्व विभाग के साथ सर्वे कर अपने मुनारे लगाए थे। इसके साथ ही तार फेंसिंग कर पौधे भी रोपे गए थे। कुछ माह पहले विभाग ने इस तार फेंसिंग को नए सिरे से लगाया तो दिशा ही बदल डाली। सूत्रों के अनुसार टाउनशिप के लिए जगह बनाने को लेकर पहले धीरे-धीरे खंभे गिराते गए, इसके बाद मौके से मुनारा हटाया, ताकि वन भूमि दिखे ही नहीं। कुछ दिन पहले तार फेंसिंग का स्थान भी बदल दिया, जिससे पूरी जमीन रिक्त हो गई। अब जिस स्थान पर पूर्व में मुनारा रखा गया था, वहां हाई लिंक सिटी का बोर्ड लगा दिया गया। जो लोग प्लॉट की चाहत में आते हैं, उन्हें यह जमीन भी टाउनशिप संचालक अपनी बताकर भ्रमित कर रहा है।

वन विभाग में भू-माफिया गैंग
पिछले कुछ साल से वन विभाग में एक भू-माफिया गैंग पनप रही है, जो इस क्षेत्र में वन भूमि को बाले-बाले बेचने के काम में लगी है। यह गैंग सुपर कॉरिडोर के नाम पर मोटी रकम टाउनशिप संचालकों या कॉलोनाइजरों से वसूल रही है। यही कारण है कि यहां कोई अधिकारी जांच करने नहीं आता, क्योंकि वह सही जांच रिपोर्ट देगा, तो उसे भू-माफिया गैंग टिकने नहीं देगी।

मेरी जानकारी में नहीं है यह मामला
वर्ष 2012 के बाद नया सीमांकन करके कोई मुनारा या तार फेंसिंग बदली गई है, तो यह मेरी जानकारी में नहीं है। यदि वन भूमि छोड़ी गई है, तो पुन: सीमांकन करके वापस ली जाएगी। मैं इस पूरे मामले की जांच कराऊंगा।
-आरएन सक्सेना, एसडीओ, इंदौर

संचालक से नहीं मिला जवाब
दबंग दुनिया ने हाई लिंक रेसीडेंसी के संचालक वीरेंद्र गुप्ता से संपर्क करना चाहा, ताकि उनकी बात रखी जा सके। काफी प्रयास के बावजूद उनसे संपर्क नहीं हो सका।

सही सीमांकन हो तो निकलेगी काफी वन भूमि
मैं इस मामले को लेकर वन विभाग के आला अधिकारियों को कई बार शिकायत कर चुका हूं कि कुछ अधिकारी-कर्मचारी सुपर कॉरिडोर के आसपास की कुछ जमीन बेच रहे हैं। जहां हाई लिंक रेसीडेंसी का बोर्ड लगा है, वह भी वन भूमि थी, लेकिन इस जमीन से वन विभाग ने तार फेंसिंग हटा ली। मैं अब इस पूरे मामले की शिकायत मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान से करूंगा, क्योंकि इंदौर के अधिकारी ध्यान ही नहीं दे रहे।
-भगवानसिंह चौहान, क्षेत्रीय पार्षद

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