रफी मोहम्मद शेख इंदौर। देवी अहिल्या यूनिवर्सिटी द्वारा करवाई गई स्पेशल परीक्षा फेल हो गई है। मात्र 13 प्रतिशत विद्यार्थी ही पास हो पाए, जबकि फाइनल सेमेस्टर के विषयों की परीक्षा में 50 प्रतिशत उत्तीर्ण हुए।
उच्च शिक्षा विभाग के निर्देश पर छठे सेमेस्टर के विद्यार्थियों को पास होने के लिए एक मौका और देने के उद्देश्य से परीक्षा शुरू की गई है, जो मुख्य परीक्षा के बाद हो रही है। इस परीक्षा के औचित्य पर सवाल खड़े हो रहे हैं, क्योंकि यूनिवर्सिटी पर जबरन एक और परीक्षा का दबाव बन गया है। नवंबर में बीए, बीकॉम, बीएससी छठे सेमेस्टर की स्पेशल परीक्षाएं ली गई थी व रिजल्ट अब घोषित किया गया। बीएससी छठे सेम में करीब 1950 विद्यार्थी शामिल हुए थे, जिसमें 250 विद्यार्थी ही पास हुए हैं, जबकि बाकी का रिजल्ट रोक दिया। रिजल्ट आना अभी बाकी बीए छठे सेमेस्टर की परीक्षा में 3500 विद्यार्थियों में से 25 प्रतिशत विद्यार्थी पास हुए हैं। वहीं बीकॉम छठे सेमेस्टर की परीक्षा का रिजल्ट अभी आना बाकी है, लेकिन उसमें भी रिजल्ट 20 प्रतिशत के आसपास पास होने वाले विद्यार्थियों की संख्या बताई जा रही है। तीनों ही परीक्षाओं में औसतन 25 प्रतिशत से ज्यादा विद्यार्थी अपनी डिग्री नहीं ले पाए। यह केवल देवी अहिल्या यूनिवर्सिटी की ही समस्या नहीं है, बल्कि प्रदेश की अन्य यूनिवर्सिटीज में भी ऐसा ही रिजल्ट आया है।
अब नई स्पेशल परीक्षा
यूनिवर्सिटी बीए, बीकॉम व बीएससी छठे सेमेस्टर की परीक्षाएं करवा रही है। इन परीक्षाओं के बाद यूनिवर्सिटी को फिर से पांचवें सेमेस्टर की स्पेशल परीक्षा करवाना होगी। इस परीक्षा के रिजल्ट के बाद ही होगी, जो फरवरी में संभावित है। अगर यूनिवर्सिटी पांचवें और छठे सेमेस्टर की स्पेशल परीक्षाएं एक साथ करवाती है, तो विद्यार्थियों को फायदा होता।
पूरा लाभ नहीं मिला
समस्या सिर्फ छठे सेमेस्टर की परीक्षा स्पेशल करवाना है, जबकि फाइनल ईयर के कई विद्यार्थी ऐसे है, जिनके केवल छठे सेमेस्टर नहीं, बल्कि पहले से लेकर पांचवें सेमेस्टर तक की परीक्षाओं में विषय रुके हुए हंै। अगर विद्यार्थी छठे सेमेस्टर की परीक्षा पास कर भी ली, तो भी डिग्री नहीं मिल पाएगी। इसके अतिरिक्त कई विद्यार्थी इस स्पेशल परीक्षा में भी अपने विषयों में फेल हो गए हैं, तो उन्हें अब अप्रैल-मई में होने वाली मुख्य परीक्षा में शामिल होना पड़ेगा।