अनुप्रिया सिंह इंदौर। नाबालिग बेटी की शादी करने के लिए पिता पहले फर्जी अंकसूची तैयार करवाता है। इसमें स्कूल मदद करता है और फिर उसी अंकसूची से वह असली दस्तावेज बनवा लेता है। यानी कि नाबालिग बेटी का बालिग सर्टिफिकेट। अब न तो कोई अधिकारी बच्ची को नाबालिग कह सकता है और न प्रशासन कोई कार्रवाई कर सकता है। क्योंकि पिता के पास फर्जी दस्तावेज से तैयार असली आधार कार्ड है।
दरअसल, यह मामला चंदननगर थाना क्षेत्र के सिरपुर कांकड़ में रहने वाले जायसवाल परिवार का है। यहां पिता द्वारा नाबालिग बेटी की शादी कराए जाने की सूचना किसी ने चाइल्ड लाइन को दी। जब चाइल्ड लाइन की टीम अधिकारियों के साथ मौके पर पहुंची तो पिता प्रदीप ने बच्ची के जन्म प्रमाण पत्र संबंधी कोई दस्तावेज उपलब्ध कराने से यह कहकर मना कर दिया कि चूंकि हम डूब क्षेत्र में रहते हैं, इसलिए सभी दस्तावेज डूब गए हैं और अब उनके पास कोई प्रमाण पत्र नहीं है। नाबालिग का विवाह न हो, इसलिए शपथ-पत्र भरवाने टीम दूसरे दिन सिरपुर कांकड़ पहुंची।
नई अंकसूची..नया प्रवेश-पत्र और नई कुंडली
मामले में नया मोड़ तब आया, जब दूसरे दिन कार्रवाई करने पहुंची टीम के सामने पिता प्रदीप ने बेटी की अंकसूची रख दी। नए नवेले कागज पर तैयार यह अंकसूची आठवीं कक्षा की थी, जिस पर बच्ची की जन्म तारीख लिखी, जो उसे 18 वर्ष 7 माह का साबित कर रही थी। अधिकारियों ने नई अंकसूची मिलने का कारण पूछा तो पिता ने सामान में मिलने की सफाई दे दी। अधिकारियों ने परिवार के अलग-अलग सदस्यों से बात की तो हाथोंहाथ अंकसूची तैयार करने की बात का खुलासा हुआ। टीम जांच के लिए बच्ची के गोल्डन पब्लिक स्कूल पहुंची। यहां स्कॉलर रजिस्टर में जन्मतिथि न लिखे होने पर प्रिंसिपल से बात की गई। उन्होंने कहा कि हमने प्रवेश फॉर्म से जन्मतिथि ली है। जब प्रवेश फॉर्म को खंगाला तो वह भी नया था, किंतु जन्मतिथि से नदारद थी। हां लेकिन यहां फॉर्म के साथ बालिका की कुंडली जरूर लगी थी, जो नई थी। हालांकि सख्ती से जांच के बाद जब इन सभी फर्जी दस्तावेजों को बनवाए जाने की बात पिता और प्रिंसिपल ने कबूल की तो टीम पिता से शपथ-पत्र भरवाकर लौट आई।
पिता ने बनवा लिया आधार कार्ड
फर्जी दस्तावेज बनवाने में निपुण पिता यहीं नहीं रुका। उसने अपनी नाबालिग बेटी को बालिग साबित करने के लिए उसी फर्जी अंकसूची का सहारा लिया और पहुंच गया आधार कार्ड बनवाने। अब पिता के पास नाबालिग बेटी के असली आधार कार्ड की रसीद है, जिसके मुताबिक उसकी बेटी 18 वर्ष 7 माह की है और वह उसकी शादी करवाने के लिए काफी सबूत है।
कलेक्टर को सौंपेगे रिपोर्ट
चाइल्उ लाइन, महिला सशक्तिकरण, महिला बाल विकास विभाग द्वारा संयुक्त रूप से की गई कार्रवाई को धता बताने वाले पिता के खिलाफ अब पूरी रिपोर्ट तैयार की जा रही है, जिसे कलेक्टर पी नरहरि को सौंपा जाएगा। इसके बाद आगे की कार्रवाई होगी।