मुनीष शर्मा इंदौर। स्कूली शिक्षा विभाग इंदौर के 50 से ज्यादा शिक्षकों को सीबीआई ने तलब किया है। ये शिक्षक भोपाल बुलाए गए हैं, जहां सीबीआई की टीम बयान लेगी। ये बयान वर्ष 2012-13 में आयोजित हुई पीएमटी परीक्षा के संबंध में लिए जा रहे हैं, जो बाद में व्यापमं घोटाले के रूप में चर्चित हुआ। इस घोटाले में हालांकि सब इंस्पेक्टर, वनरक्षक व अन्य कई परीक्षाएं भी जुड़ गई थी, किंतु पीएमटी इसका मुख्य बिंदु रहा।
सीबीआई की टीम ले रही बयान
कुछ शिक्षकों के बयान हो गए, जिनसे पूछा गया आपके यहां आॅब्जर्वर कौन था या आपके कमरे में निरीक्षण करने कौन-कौन आए थे? आॅब्जर्वर ने आपसे मदद करने के लिए कहा था। कुछ उत्तर पुस्तिकाओं पर व्हाइटनर लगे होने पर संबंधित पर्यवेक्षक से पूछा जा रहा है कि ये व्हाइटनर आपने लगाया था? ये बयान भोपाल के कस्तूरबा हाईस्कूल में सीबीआई की टीम ले रही है।
शिक्षकों को नोटिस जारी
घोटालों के तार इंदौर से जुड़े हैं, क्योंकि डॉ. जगदीश सगर भी यहीं का रहने वाला था, उसका रैकेट भी इंदौर से चल रहा था। कुछ स्कूलों से सीबीआई को ऐसे दस्तावेज मिले हैं, जिनसे घोटाले के तार जुड़े हैं। उसे शंका है कि जिन परीक्षार्थियों से सेटिंग हुई होगी, उनके कक्ष में रैकेट से जुड़ा कोई व्यक्ति भी रहता होगा। इंदौर में करीब 20 स्कूल व कॉलेजों में परीक्षा केंद्र बनाए थे। इनमें से करीब एक दर्जन केंद्रों से कुछ शिक्षकों को बयान के लिए नोटिस जारी हुए हैं।
कॉपियों पर व्हाइटनर लगा था
एक शिक्षक ने दबंग दुनिया को बताया कि मामला काफी पुराना है, जिससे एकदम याद नहीं रहता, किंतु मैं जब बयान के लिए पहुंचा तो मेरे सामने कुछ कॉपियां रख दी गई। उन कॉपियों पर व्हाइटनर लगा था। मामला भले ही पुराना था, किंतु मैंने अपने जीवन में इतनी परीक्षाओं में ड्यूटी दी, लेकिन व्हाइटनर का प्रयोग कभी करने में नहीं आया। मुझसे पूछा गया यह व्हाइटनर आपने लगाया तो मैंने साफ इंकार कर दिया। फिर आब्जर्वर व अन्य मामलों में पूछताछ की गई, जिसके जो जवाब थे वो मैंने उन्हें बता दिए।