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पुराने कॉलेज से 20 किमी दूर खुलेगा नया निजी कॉलेज

By Dabangdunia News Service | Publish Date: Dec 8 2016 10:12AM | Updated Date: Dec 8 2016 10:55AM
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रफी मोहम्मद शेख इंदौर। प्रदेश में ऐसे स्थानों पर नए प्राइवेट कॉलेजों में वो कोर्स शुरू नहीं किए जा सकेंगे, जिनमें इस साल में 50 प्रतिशत से ज्यादा एडमिशन नहीं हुए हैं। प्रदेश में नया प्राइवेट कॉलेज खोलना है, तो इसे शुरू करने वाले स्थान से 20 किमी की दूरी में कोई दूसरा प्राइवेट कॉलेज नहीं होना चाहिए। उच्च शिक्षा विभाग ने प्रदेश में 2017-18 में नए प्राइवेट कॉलेज खोलने के लिए नियम तय किए हैं, जिसमें यह शर्त अनिवार्य रूप से रखी गई है। शर्त में कॉलेज पापुलेशन इंडेक्स और गर्ल्स कॉलेज आदि के लिए अलग मापदंड तय किए गए हैं।

नियम में 10 किमी की छूट
उच्च शिक्षा विभाग के नियमों के अनुसार नए कॉलेज में जो कोर्स शुरू होना है, वो कोर्स 20 किमी के दायरे में दूसरा कोई प्राइवेट कॉलेज में नहीं चलाता हो। इसके लिए कलेक्टर या कलेक्टर द्वारा नियुक्त अधिकारी का प्रमाण-पत्र और जिले के अग्रणी कॉलेज का प्रमाण-पत्र आवेदन के साथ लगाना होगा।  विभाग ने इस नियम में 10 किमी की छूट दी है। यह छूट आदिवासी और अनुसूचित क्षेत्रों में स्थापित होने वाले कॉलेजों को मिलेगी। साथ ही गर्ल्स कॉलेज पूरी तरह आवासीय कॉलेज और कम से कम 200 सीटों वाले होस्टलयुक्त कॉलेजों को भी 10 किमी के दायरे में वहीं कोर्स चलाने वाले दूसरे कॉलेज के नहीं होने की शर्त का पालन करना होगा। इसके अतिरिक्त कॉलेज से दो किमी की दूरी के अंदर स्पोर्ट्स ग्राउंड होने, स्वयं या ट्रस्ट की जमीन होने या 30 साल की लीज के नियमों का पालन भी करना होगा।

आठ जिलों में छूट
प्रदेश में कई जिले ऐसे हैं, जिनका ग्रास एनवायर्नमेंट रेशो (जीईआर) कम होने से यूनिवर्सिटी ग्रांट कमीशन (यूजीसी) ने  कॉलेज पापुलेशन इंडेक्स (सीपीआई) आठ पाइंट से कम बताया है। ऐसे जिलों में एक से अधिक प्राइवेट कॉलेज खोलने के लिए दूरी की कोई बाध्यता नहीं रहेगी। प्रदेश में ऐसे आठ जिले हैं, जिसमें इंदौर संभाग में बड़वानी, धार, झाबुआ और पश्चिम निमाड़ जिलों में यह इंडेक्स आठ से कम है। पिछले साल इन जिलों की संख्या 14 थी। इस बार छह जिले इस लिस्ट से बाहर हो गए हैं।

सबसे पहले गर्ल्स कॉलेज
एक ही स्थान पर एक से अधिक कॉलेज खोलने के लिए अर्जी आती है, तो सबसे पहले गर्ल्स कॉलेज को अनुमति दी जाएगी। उसके बाद आवासीय कॉलेज और उसके बाद होस्टलयुक्त कॉलेज को प्राथमिकता मिलेगी। यहां पर खास बात यह है कि इंदौर संभाग में कुछ जिले ऐसे है, जहां पर प्राइवेट कॉलेज है ही नहीं। इंदौर संभाग में आलीराजपुर व झाबुआ इन जिलों में शामिल है। खंडवा, धार, झाबुआ, बड़वानी में जिला स्तर पर एकाध प्राइवेट कॉलेज है। ऐसी ही स्थिति प्रदेश के आधे से ज्यादा जिलों में है। इंदौर जिले में भी तहसील स्तर पर केवल गवर्नमेंट कॉलेज ही है, यहां पर भी प्राइवेट कॉलेज केवल इंदौर में ही है।

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