संतोष शितोले इंदौर। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के एक माह पहले नोटबंदी की घोषणा के बाद भले ही देशभर में अब जल्द दी भ्रष्टाचार व कालाधन पर लगाम कसने का दावा किया जाता रहा हो, लेकिन इस साल अब तक इंदौर संभाग में भ्रष्टाचार कम हुआ है। लोकायुक्त पुलिस की सख्ती के चलते इस साल रिश्वतखोरी और पद के दुरुपयोग के मामले तीन साल की तुलना में लगभग आधे हुए हैं। आंकड़ों के अनुसार हर पांच दिन में एक रिश्वतखोर के खिलाफ कार्रवाई हुई, जबकि सबसे ज्यादा सजा 30 लोगों को भ्रष्टाचार, रिश्वतखोरी, पद के दुरुपयोग आदि के मामलों में सजा हुई है।
जानकारी के मुताबिक इस साल 3 दिसंबर तक इंदौर में रिश्वतखोरी में 22 लोगों को पकड़ा गया, जबकि अनुपातहीन संपत्ति व पद के दुरुपयोग के तीन-तीन मामले पकड़े गए। इस तरह कुल 28 मामलों में लोकायुक्त पुलिस ने कार्रवाई की। रिश्वतखोरी के अन्य मामलों में धार में 13, झाबुआ में पांच, आलीराजपुर में तीन, खंडवा में सात, खरगोन में तीन व बड़वानी में तीन रिश्वतखोर पकड़े गए। अनुपातहीन संपत्ति का एक मामला धार में पकड़ा गया। पद के दुरुपयोग में खंडवा में दो, खरगोन में नौ व बड़वानी में एक मामला पकड़ा गया। खास बात यह कि बुरहानपुर में अब तक एक भी रिश्वतखोरी, अनुपातहीन संपत्ति या पद के दुरुपयोग का मामला सामने नहीं आया।
ये हैं लोक निर्माण विभाग के भ्रष्ट अधिकारी
30 जनवरी : ब्रजेंद्रकुमार माथुर (कार्यपालन यंत्री, लोनिवि) इंदौर 30 हजार रुपए।
19 अप्रैल : रजनीकांत केसरी (मानचित्रकार, लोनिवि) इंदौर, 30 हजार रुपए।
3 मई : राजेंद्र शर्मा (सब इंजीनियर, लोनिवि) इंदौर आय से अधिक संपत्ति।
3 दिसंबर : आनंद प्रकाश राणे (कार्यपालन यंत्री, लोनिवि) इंदौर, आय से अधिक करोड़ों की संपत्ति।
ये हैं भ्रष्ट पुलिस अधिकारी और कर्मचारी
17 मार्च : लालजी शुक्ला (मैनेजर, नागरिक सहकारी बैंक) इंदौर, दो हजार रुपए।
19 फरवरी : ब्रजपालसिंह कुशवाह (एएसआई, थाना कोतवाली) इंदौर, 20 हजार।
1 मार्च : भारत बैरागी (एएसआई) आलीराजपुर, दस हजार रुपए।
28 मार्च : रामानंद दमाड़े (एसआई), अरुण गोरे (एएसआई), खंडवा पांच हजार।
24 मई : मो. अजीज गौरी (हेडकांस्टेबल, कोतवाली थाना) इंदौर, 1500 रुपए।
1 जून : आरके जैन (अधीक्षक), राजेंद्र गौतम (निरीक्षक), इशाक खान (हेड कांस्टेबल) सेंट्रल एक्साइज, इंदौर, आठ हजार रुपए।
23 अगस्त : रामबहादुर पटेल (एसआई, खुड़ैल थाना) इंदौर 10 हजार रुपए।
निगम, बैंक, प्रशासन, शिक्षा विभाग के भ्रष्टाचारी
6 फरवरी : महेश कौशल (सहायक ग्रेड-3 नगर निगम) इंदौर, एक हजार रुपए।
9 फरवरी : मनोहरसिंह मेहरोलिया (मंडी निरीक्षक) इंदौर, 15 हजार रुपए।
11 फरवरी : रामप्रसाद परमार (चपरासी, आंध्रा बैंक) इंदौर, पांच हजार रुपए।
12 मार्च : विजय रणदिवे (रीडर, एसडीएम), इंदौर, 500 रुपए।
30 मार्च : लोकेंद्र कुसुमाकर (सहायक ग्रेड-3 नगर निगम) इंदौर, 1000 रुपए।
2 अप्रैल : तेजराम कंडेरे (शोध सहायक, टीएंडसीपी) इंदौर, 1.50 लाख रुपए।
25 जून : मुलूसिंह बघेल (प्रभारी, रजिस्ट्रार कार्यालय) इंदौर, तीन हजार रुपए।
2 जुलाई : रामप्रसाद गुलानी (मलेरिया इंस्पेक्टर) इंदौर, दस हजार रुपए।
27 अक्टूबर _ डॉ. शारिक मो. शेख (पशु चिकित्सक) इंदौर, आय से अधिक की संपत्ति।
24 नवंबर : संजय गोयल (तत्कालीन डीईओ), मनोहरसिंह धीमान (बीआरसी) सहित छह स्कूलों के संचालकों/प्राचार्यों के खिलाफ नियम विरुद्ध मान्यता का मामला।
ये हैं भ्रष्ट पटवारी
9 जनवरी : अनिल बांगर (पटवारी) व मनोहर चौधरी (प्राइवेट) देपालपुर, पांच हजार रुपए।
14 जनवरी : श्याम विलास (पटवारी) महेश्वर, एक हजार रुपए।
14 जनवरी : मांगूसिंह (पटवारी) आलीराजपुर, एक हजार रुपए।
22 मार्च : सुरेशचंद्र बारे (पटवारी) खंडवा, दस हजार रुपए।
5 मई : मंगलसिंह चौहान (पटवारी, गंधवानी) धार, तीन हजार रुपए।
13 मई : परशुराम वर्मा (पटवारी, मनावर) धार, पांच हजार रुपए।
17 जून : मंशा गायकवाड़ (पटवारी) देपालपुर, सात हजार रुपए।
30 जून : संतोष अव्हाड (पटवारी), खंडवा, दो हजार रुपए।
13 अगस्त : गोविंद रावत (पटवारी) धार 1500 रुपए।
12 नवंबर : दिवाकर त्रिवेदी (पटवारी) ग्राम मकोडिया, थांदला, दो हजार रुपए।
...और ये सरपंच, सचिव व अधिकारी
25 जनवरी : गोकुलसिंह तंवर (सचिव, ग्राम पंचायत बहिरामपुर), गौतमपुरा, तीन हजार रुपए।
5 फरवरी : संजय जायसवाल (सचिव, ग्राम पंचायत जुलवानिया) बड़वानी, दस हजार रुपए।
16 जून : विष्णुप्रसाद (सरपंच), दिनेश चौधरी (ग्राम पंचायत बिश्नावदा), इंदौर चार हजार रुपए।
20 जून : शंकरसिंह धोदरिया (ग्राम पंचायत कोसदना) धार, पांच हजार रुपए।
1 जुलाई : रवि वास्कले (सहायक सचिव, ग्राम पंचायत कसरावद) बड़वानी, एक हजार रुपए।
19 जुलाई : इंदरसिंह भवले (सचिव, ग्राम पंचायत कलालदा) धार, सात हजार रुपए।
21 जुलाई : भूरालाल रोकड़े (सहायक विस्तार अधिकारी, जनपद) खंडवा 500 रुपए।
23 सितंबर : मनीष भारद्वाज (तत्कालीन मुख्य कार्यपालन यंत्री, जनपद पंचायत), भलजी मोहन (सरपंच), रामगोपाल भावर (ग्राम पंचायत बांजीखार) खरगोन, 59.29 लाख रुपए के गबन का मामला।
23 सितंबर : मनीष भारद्वाज (तत्कालीन मुख्य कार्यपालन यंत्री, जनपद पंचायत), रणछोड़ सायबा (सरपंच, ग्राम पंचायत, कोदवार बुजुर्ग) खरगोन 37 लाख का गबन।
23 सितंबर : मनीष भारद्वाज (तत्कालीन मुख्य कार्यपालन यंत्री, जनपद पंचायत), घनश्याम गेंदालाल (सरपंच), भुवानीराम (ग्राम पंचायत, पढालीखुर्द) 23.60 लाख का गबन।
23 सितंबर : मनीष भारद्वाज (तत्कालीन मुख्य कार्यपालन यंत्री, जनपद पंचायत), प्रेमचंद बिर्ला (सरपंच) मिश्रीलाल बिर्ला (सचिव ग्राम पंचायत गलगांव) खरगोन, 21.66 लाख का गबन।
23 सितंबर : मनीष भारद्वाज (तत्कालीन मुख्य कार्यपालन यंत्री, जनपद पंचायत), शेरू बिल्लौरे (सरपंच), भूरेसिंह पटेल (सचिव, ग्राम पंचायत, जूजाखेड़ी) खरगोन, 12.81 लाख का गबन।
23 सितंबर : मनीष भारद्वाज (तत्कालीन मुख्य कार्यपालन यंत्री, जनपद पंचायत), चिंताबई (सरपंच), नवल यादव (सचिव, ग्राम पंचात माचलपुर खुर्द) 21.84 लाख का गबन।
7 नवंबर : भागीरथ परमार (सरपंच), राजेंद्र व्यास (तत्कालीन सचिव, ग्राम पंचायत टाकून) सांवेर, 12 लाख का घपला व शासन को आर्थिक क्षति।