अनूप सोनी इंदौर। सरकार ने पांच सौ और एक हजार रुपए के नोट बंद करने के बाद सोना रखने की भी सीमा तय कर दी है। इसके बाद सराफा व्यापारियों ने भी इसका तोड़ निकालकर लोगों को सोना खपाने का तरीका बताना शुरू कर दिया है। कुछ व्यापारी पुराने जेवर 75-80 प्रतिशत के दाम पर लेकर नए जेवर का बिल भी देने लगे हैं। इस खरीदी बिक्री में दोनों तरफ से व्यापारी का ही फायदा होगा।
सरकार की घोषणा के बाद सीमा से ज्यादा सोना रखने वालों में भागम-भाग
सराफा बाजार में पुराने जेवर देकर नए जेवर खरीदना का सिलसिला ऐसे तो सालों से चल रहा है लेकिन जेवरों को लेकर सरकार की घोषणा के बाद लोगों में हड़कंप मचा हुआ है। जिन लोगों के पास पुश्तैनी जेवर हैं या सीमा से ज्यादा सोना है या उनके बिल नहीं हैं, वे अब सराफा व्यापारियों के पास पहुंच रहे हैं। व्यापारी भी इसका जमकर फायदा उठाने लगे हैं। वे ग्राहकों से पुराने जेवर या सोना 80 प्रतिशत के दाम पर खरीद हैं और बदले में नए जेवर बेचकर उनका बिल दे रहे हैं। इस बिल में एक प्रतिशत वैट और एक प्रतिशत एक्साइज ड्यूटी लगती है, इसके बाद सोना एक नंबर में हो जाता है।
परिवार के सदस्यों के नाम पर ले रहे बिल
सरकार ने विवाहित महिला के पास पांच सौ ग्राम सोना, पुरुष के पास सौ ग्राम और अविवाहित युवती के पास ढाई सौ ग्राम सोना रखने की सीमा तय की है। यदि किसी के पास इससे ज्यादा सोना है तो वह व्यापारी को पुराना सोना देकर नए जेवर के बिल अपने बेटा-बेटी, भाई-बहन आदि के नाम ले सकता है। इस तरह वह एक नंबर में हो जाएगा। यदि कोई ऐसा नहीं करता है तो उसे तय सीमा के बाद के सोने को छुपाना पड़ेगा।
व्यापारी को ही हो रहा फायदा
सोना रखने की लिमिट घोषित होने के बाद घबराए लोगों से व्यापारी 75-80 प्रतिशत पर तो पुराने जेवर खरीद रहे हैं, वहीं जब वे बदले में ग्राहकों को नए जेवर देते हैं तो उसका भाव 24 कैरेट के हिसाब से वसूलते हैं, लेकिन देते हैं 22 कैरेट का सोना। इससे ग्राहक दोनों तरफ से ठगाता है, वहीं व्यापारी को दोनों तरफ से फायदा है।
ऐसे समझें खरीदी-बिक्री
यदि आपके पास एक लाख रुपए के जेवर हैं तो व्यापारी उसे 80 हजार रुपए में खरीदेगा यानी 20 हजार रुपए कम हो गए। इस 20 हजार में करीब 10 हजार रुपए व्यापारी के आसानी से निकल जाएंगे। इसके बाद नए जेवर खरीदी में सोने का भाव एमसीएक्स पर भाव देखकर लगाते हैं। एमसीएक्स पर भाव शुद्ध सोने का रहता है। इस भाव में भी व्यापारी 91.6 प्रतिशत पर जेवर देगा, अर्थात 8.4 प्रतिशत के रुपए ग्राहक को बेवजह देना पड़ते हैं।