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आलीशान कोठी..., रजिस्ट्रार को कृषि भूमि दिखी

By Dabangdunia News Service | Publish Date: Nov 25 2016 10:19AM | Updated Date: Nov 25 2016 10:19AM
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सुधीर शिंदे इंदौर। अफसरों की मिलीभगत से जमीन के जादूगर ने शासन को 80 लाख रुपए से अधिक की चपत लगा दी। ताज्जुब की बात यह कि अफसरों को बीचोबीच बनी आलीशान कोठी भी नजर नहीं आई और जमीन की रजिस्ट्री कृषि भूमि के रूप में कर दी। शिकायत के बाद अफसरों ने अपना दामन बचाने के लिए वसूली का नोटिस जारी किया, लेकिन मामला ठंडा पड़ते ही नोटिस की बात भुला दी गई। नतीजा यह कि एक साल से ज्यादा समय बीत जाने के बाद भी न तो नोटिस की राशि जमा कराई जा सकी और न ही कोई ठोस कार्रवाई, जबकि इस जमीन का डायवर्शन तक नहीं हुआ।
 
ये है मामला
क्षेत्र की कीमती जमीन सर्वे नंबर 684/2 और 684/3 खजराना निवासी इसाक (72) के नाम से थी, लेकिन अपना फर्जीवाड़ा छुपाने की नीयत से इसे 26 मार्च 2014 को कृषि भूमि बताकर अपने तीन पोतों जावेद, अमजद और इरफान पिता जाकिर पटेल के नाम से कर दी। इसाक ने जमीन 44 लाख रुपए में बेचना बताया और केवल तीन लाख 19 हजार 800 रुपए स्टाम्प शुल्क चुकाया।

ऐसे हुआ खुलासा
इसाक ने 24 मार्च को अपने पोतों के नाम से फर्जीवाड़ा करते हुए रजिस्ट्री की थी। रिश्तेदारों द्वारा शिकायत के बाद 18 जून 2015 को रजिस्ट्रर कार्यालय द्वारा 80 लाख 88 हजार 250 रुपए का नोटिस थमाया गया।
 
नोटिस का जवाब दिया है
नोटिस मिला था, जिसका हमने जवाब दे दिया। उसके बाद कोई पत्र व्यवहार नहीं हुआ। अब जो भी आदेश होगा, उसका पालन करेंगे।
-जाकिर पटेल, इसाक का बेटा
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