मुनीष शर्मा इंदौर। इंदौर विकास प्राधिकरण में आग क्या लगी अध्यक्ष व सीईओ ने हर क्षेत्र में अपने जासूस खड़े कर दिए हैं। ये जासूस पल-पल की जानकारी उनके लिए इकट्ठी करेंगे, चाहे कोई कर्मचारी अपनी सास की बुराई कर रही हो या फिर कोई अपनी प्रेमिका से बात करने में लगा हो। प्राधिकरण की बिल्डिंग में अब जो कैमरे लगाए गए हैं उनमें माइक का भी प्रावधान है, यानी जो बात होगी वह रिकॉर्ड भी की जाएगी। रिकॉर्डिंग भी 15 दिनों तक संभली होगी चाहे वह कैमरे की हो या माइक की।
अधिकारियों के कक्षों में भी माइक वाले कैमरे हों
उधर, कर्मचारियों का कहना है हम लोग सुबह 10.30 से शाम 5.30 बजे तक तो वैसे ही काम करते हैं, लेकिन अधिकांश समय काम रहने से शाम 6.30-7.30 बजे तक निकल पाते हैं। अब पूरे दिन ही आॅफिस की बातें तो होती नहीं है। वैसे भी मानव प्रवृत्ति है कि वह अपने सहकर्मी के साथ घर-परिवार या बाहर की बातें करता है। अधिकारियों या अन्य कर्मचारियों से संबंधित भी वार्तालाप होते ही हैं। ऐसे में हमारी बातें सचित्र रिकॉर्ड होने से हमारे ही मतभेद होंगे। ऐसा भी नहीं है कि अध्यक्ष या सीईओ के कमरे से बात लीक नहीं होंगी। कर्मचारियों का कहना है अधिकारियों के कक्षों में भी कैमरे लगे होने चाहिए क्योंकि वहां भी माइक वाले कैमरे जरूरी हैं।
सरकारी कार्यालय में पहली बार
चार दिन से गलियारों और कर्मचारियों के बैठने वाले कक्षों में कैमरे लगाने का काम चल रहा है। अब तक 10 कैमरे लग चुके हैं। यह पहली बार किसी सरकारी कार्यालय में हुआ है जहां कैमरों में माइक की व्यवस्था भी की गई है ताकि अधिकारी सभी कक्षों की टोह ले सकें। इन कैमरों की विशेषता यह है कि रात में भी इसकी पिक्चर क्वालिटी अच्छी है जिससे रात में होने वाली घटना भी कैमरे में कैद रहेगी बस दिन की अपेक्षा यह थोड़ी हल्की होगी। अब परिसर में भी कैमरे लगाने की तैयारी है, यानि कोई कर्मचारी नीचे उतरकर भी मन की बात नहीं कर पाएगा।
आग लगी तो बजेगा सायरन
आॅफिस में बैठकर सिगरेट पीने वालों को या अगरबत्ती लगाने वालों को भी अब परेशानी हो सकती है। असल में प्राधिकरण वह इंस्ट्रूमेंट भी लगाने वाला है, जिसमें आग लगते ही सायरन बज जाए। वह चाहता है अगरबत्ती के जलने से सायरन न बजे ऐसा सिस्टम उसे मिले।
आॅफिस में हो सिर्फ काम की बात
माइक वाले कैमरे लगाने के पीछे कारण जासूसी नहीं है। हम चाहते हैं किसी कर्मचारी के साथ बदतमीजी हो तो संबंधित के खिलाफ हम मय प्रमाण पुलिस को शिकायत कर सकें। बीच में ऐसी घटना हुई थी, जिसके बाद हमने तय किया। आॅफिसरों के कक्ष में कैमरे लगाने पर अभी कोई विचार नहीं किया गया है। जो कर्मचारी सास या परिवार की बात करते हैं उन्हें आॅफिस में आॅफिस का ही काम करना चाहिए।
- शंकर लालवानी, अध्यक्ष इंदौर विकास प्राधिकरण