23 Apr 2024, 17:05:11 के समाचार About us Android App Advertisement Contact us app facebook twitter android

रफी मोहम्मद शेख इंदौर। देवी अहिल्या यूनिवर्सिटी की सेमेस्टर परीक्षाओं के फाउंडेशन के पेपर में अब बीच में 15 मिनट का ब्रेक दिया जाएगा। इसमें नैतिक मूल्य और भाषा विषयों का एक ही पेपर होता है। फाउंडेशन के पेपर में गफलत और अटके हजारों रिजल्ट के चलते ऐसा फैसला लिया गया है। पिछले साल भी इस परेशानी के चलते कॉपियों पर बड़ी साइज की सील लगाने का निर्णय लिया गया था, जिसमें समस्या हल नहीं हो पाई है।

27 नवंबर से शुरू होने वाली बीए, बीकॉम, बीएससी और बीएचएससी के फाउंडेशन का पेपर होगा तो तीन घंटे का, लेकिन यह खत्म सवा तीन घंटे में होगा। अभी तक इसके लिए यूनिवर्सिटी एक ही पेपर सेट करती है, जिसमें ए और बी दो पार्ट होते हैं। इस परीक्षा में दो विषय की अलग-अलग कॉपियां विद्यार्थियों को एक साथ ही दी जाती हैं। कुल तीन घंटे में ये दोनों पेपर करना होते हैं। फर्स्ट से लेकर सिक्स्थ तक सभी सेमेस्टर में फाउंडेशन का पेपर अनिवार्य रूप से होता है।

गलती कम करने के लिए
अब दोनों पेपर डेढ़-डेढ़ घंटे के लिए अलग-अलग होंगे। इसमें पहला पेपर नैतिक मूल्य का होगा और दूसरा भाषा (हिंदी या अंग्रेजी) का। दोनों के लिए अलग-अलग पेपर होंगे या एक ही, यह अभी निश्चित नहीं है। इन दोनों पेपर के बीच विद्यार्थी को 15 मिनट का ब्रेक दिया जाएगा। इस समय में वीक्षक इनसे पहले कॉपी ले लेगा, फिर ब्रेक के बाद दूसरी कॉपी दी जाएगी। यह व्यवस्था विद्यार्थियों से गलती कम करने के लिए की जा रही है। अब विद्यार्थी नैतिक मूल्य की कॉपी में नैतिक मूल्य और भाषा की कॉपी में केवल भाषा का ही लिखेगा। अभी तक गलती से विद्यार्थी कॉपी बदलकर उत्तर लिख देता था, जिससे खासी परेशानी हो रही है। फाउंडेशन के पेपर में गड़बड़ी के कारण बीएससी सेकंड और बीए सेकंड सेमेस्टर के रिजल्ट घोषित नहीं किए जा सके हंै।

पांच हजार रिजल्ट अटके
बीकॉम सेकंड से लेकर बीए, बीकॉम व बीएससी फिफ्थ व फर्स्ट सेमेस्टर के करीब पांच हजार रिजल्ट अटक गए। इन सभी कॉपियों में विद्यार्थियों ने नैतिक शिक्षा की कॉपी में भाषा और भाषा की कॉपी में नैतिक शिक्षा के उत्तर लिख दिए हैं। परीक्षा के बाद कोडिंग करके मूल्यांकन सेंटर ने अलग-अलग विषय के एक्सपर्ट प्रोफेसर्स के पास कॉपियां जांचने के लिए भेजी थीं, लेकिन कॉपियों पर अलग विषय और अंदर गलत विषय के उत्तर होने से बिना जांचे ही उन्होंने वापस भेज दिया। जब रिजल्ट बनाने की बारी आई तो इनके नंबर ही नहीं मिले और ये सारे विद्यार्थी एटीकेटी या विथहेल्ड में आ गए। अब इनकी कॉपियां फिर से जंचवाने के लिए भेजी गई हंै और अलग से रिजल्ट तैयार किया जाएगा।

बड़े फोंट की सील नहीं चली

यूनिवर्सिटी ने इससे सबक लेते हुए अब नई व्यवस्था शुरू करने का निर्णय लिया था। पिछली बार भी फाउंडेशन के कारण ही छह महीने में रिजल्ट निकाला जा सका था और इस बार भी करीब साढ़े पांच महीने लग गए हैं। पिछली बार यूनिवर्सिटी ने कॉपी पर विषय की बड़ी फोंट में स्पेशल सील लगाने का निर्णय लिया था, लेकिन यह करने के बाद भी न तो गलती सुधरी और न ही समस्या का हल हुआ। बीच में कॉपियों का अलग-अलग कलर करने के निर्णय पर भी विचार हुआ था, लेकिन कॉपियों की संख्या कम-ज्यादा होने से परेशानी पैदा होने की बात आने पर यह निर्णय टालना पड़ा था।

अलग-अलग समय मिलेगा
इस बार भी फाउंडेशन विषय में एक-दूसरी कॉपी में लिखने की गलती से रिजल्ट अटके हैं। इस कारण इस बार दोनों पेपर की अलग-अलग कॉपियां होंगी और बीच में ब्रेक दिया जाएगा।
-डॉ. अशेष तिवारी, परीक्षा नियंत्रक

  • facebook
  • twitter
  • googleplus
  • linkedin

More News »