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लड़कियों के पास 176 गोल्ड मेडल, लड़कों के पास आधे भी नहीं

By Dabangdunia News Service | Publish Date: Nov 7 2016 10:30AM | Updated Date: Nov 7 2016 10:30AM
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रफी मोहम्मद शेख इंदौर। देवी अहिल्या यूनिवर्सिटी की परीक्षाओं के रिजल्ट की तरह ही दो साल बाद होने वाले दीक्षांत समारोह में एक बार फिर लड़कियों ने बाजी मारी है। वर्ष 2012-13 और 2013-14 में मेरिट होल्डर विद्यार्थियों को बंटने वाले गोल्ड और सिल्वर मेडल्स में से आधे से ज्यादा पर लड़कियों ने कब्जा किया है। कुल 234 में से 177 गोल्ड मेडल लड़कियां अपने गले में पहनेंगी तो 32 सिल्वर में से 30 उनके कब्जे में हैं। 1 दिसंबर को कुलाधिपति इन्हें ये मेडल प्रदान करेंगे।

दीक्षांत समारोह में दो साल के टॉपर्स को सम्मानित किया जाएगा। सत्र 2012-13 के लिए कुल 136 मेडल हैं। इनमें 120 गोल्ड और 16 सिल्वर हैं। इनमें से 100 मेडल लड़कियों ने अपने नाम किए हैं। 120 गोल्ड मेडल 68 विद्यार्थियों को बांटे जाएंगे जबकि नौ विद्यार्थियों ने 16 सिल्वर मेडल प्राप्त किए हैं। कुछ विद्यार्थियों को एक से ज्यादा मेडल मिल रहे हैं, इस कारण यह स्थिति बनी है।

सबसे ज्यादा व्यक्तिगत मेडल
सत्र 2013-14 के लिए भी मेडल की संख्या 134 है, जिसमें से 132 ही तय हो पाए हैं। इसमें 116 गोल्ड हैं, जिसमें 90 लड़कियों के पास जाएंगे। वहीं 16 सिल्वर में से 14 पर लड़कियों का कब्जा है। सर्वाधिक व्यक्तिगत मेडल पाने वाले में भी दोनों साल में लड़की ही है। 2012-13 में एमबीबीएस की टॉपर ईशा शर्मा को कुल सात मेडल मिले हैं, जिसमें पांच गोल्ड और दो सिल्वर हैं। वहीं 2013-14 में भी एमबीबीएस की टॉपर रितु बंसल चार गोल्ड और दो सिल्वर मेडल लेकर बेस्ट बनी हैं, वही बीई में टॉपर अंशु हिरानी भी चार गोल्ड जीतकर उनके समकक्ष खड़ी हैं।

हजारों में से चंद ही
सत्र 2012-13 में यूनिवर्सिटी से कुल 70 हजार से ज्यादा विद्यार्थी रजिस्टर्ड थे। इनमें में 53 हजार ग्रेजुएशन लेवल पर थे तो 17 हजार पोस्ट ग्रेजुएशन की परीक्षा पास कर निकले थे। वहीं इस साल कुल 185 पीएचडी अवॉर्ड हुई जबकि 375 विद्यार्थियों ने एमफिल की परीक्षा पास की है। 2013-14 में विद्यार्थियों की कुल संख्या 87 हजार से ज्यादा हो गई थी, वहीं एमफिल-पीएचडी के विद्यार्थी भी बढ़ गए। इनमें से मात्र टॉपर्स को ही यह सम्मान मिलता है।

मेडिकल-इंजीनियरिंग में ज्यादा
मेडल चयन के लिए विद्यार्थियों से आवेदन मंगाए जाते हैं, जिस पर एक समिति विचार करती है। यूनिवर्सिटी के रिकॉर्ड से इसे चेक किया जाता है। सबसे ज्यादा गोल्ड और सिल्वर मेडल मेडिकल और इंजीनियरिंग में ही होते हैं। इसमें एमबीबीएस से लेकर एमएस, बीएएमएस तक के मेडल शामिल हैं। साइंस फैकल्टी में अलग-अलग गोल्ड मेडल दिए जाते हैं। आर्ट्स, लॉ, कॉमर्स के टॉपर्स को भी मेडल मिलते हैं, जबकि सभी पीएचडीधारकों और एमफिल के टॉपर्स को उपाधि दी जाती है।

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