29 Mar 2024, 20:02:45 के समाचार About us Android App Advertisement Contact us app facebook twitter android
news » Exclusive news

पांच साल बाद भी हटने को तैयार नहीं हजारों जनशिक्षक

By Dabangdunia News Service | Publish Date: Nov 5 2016 12:17PM | Updated Date: Nov 5 2016 12:17PM
  • facebook
  • twitter
  • googleplus
  • linkedin

संतोष शितोले  इंदौर। शिक्षकों के कार्यों की मॉनिटरिंग करने के लिए जूनियर शिक्षकों बनाम अध्यापकों को विभाग जनशिक्षक बनाता आया है। इस दौरान उन्हें पढ़ाने से मुक्ति मिल जाती है। समूचे मप्र में नवंबर 2015 के पहले सप्ताह में इन्हें प्रतिनियुक्ति पर लेने के लिए चयन प्रक्रिया शुरू की गई, तब 10 दिसंबर तक यह प्रक्रिया पूरी करने के निर्देश दिए गए थे। विडंबना यह कि दो साल बाद भी विभागीय अफसरों की नींद नहीं खुली। जहां मौजूदा हजारों जनशिक्षक हटने को तैयार नहीं, वहीं चयन प्रक्रिया में जानबूझकर बरती गई ढीलपोल से वे फिलहाल पढ़ाने के झंझट से मुक्त ही रहेंगे। पांच साल तक अफसरी के बाद अब उन्हें फिर पढ़ाने जाना रास नहीं आ रहा, जिसके चलते कुछ जिलों में जनशिक्षकों ने इसी पद पर बने रहने के लिए कोर्ट की शरण ली है।

पहले 18 विद्यालयों पर एक जनशिक्षक की प्रतिनियुक्ति का प्रावधान था, लेकिन इसमें बदलाव कर एक जनशिक्षक पर 21 विद्यालयों की मॉनिटरिंग की जवाबदारी सौंपी जाना थी। इस प्रकार जिले में 81 जनशिक्षक की प्रतिनियुक्ति कर पदस्थापना की जाना थी। जिले में चार विकासखंड हैं, लेकिन शिक्षा के लिहाज से छह बनाए गए। प्रत्येक में पांच-पांच सहित कुल 30 विकासखंड अकादमिक समन्वयक (बीएसी) भी प्रतिनियुक्त किया जाना है। प्रदेश में विकासखंड अकादमिक समन्वयकों के 1610 और जनशिक्षकों के 5320 पद स्वीकृत किए गए हैं।

तय अवधि बीती, पर मूल विभाग में नहीं लौटे
राज्य शिक्षा केंद्र आयुक्त दीप्ति गौड़ मुखर्जी ने प्रदेश के सभी कलेक्टर के नाम जारी सर्कुलर में जिलों में विकासखंड अकादमिक समन्वयक एवं जनशिक्षक की पदस्थापना के निर्देश दिए हैं। राज्य शिक्षा केंद्र के परिपत्र (क्रमांक/राशिकें/नियु./ 2015/7812- 7813 भोपाल दिनांक 30/10/2015) में पूर्व के परिपत्रों का हवाला देते हुए कहा गया है कि वर्ष 2011 में प्रत्येक जिले में चयन प्रक्रिया के तहत विकासखंड अकादमिक समन्वयकों एवं जनशिक्षकों की प्रतिनियुक्ति की गई थी। इसकी अधिकतम चार साल की अवधि समाप्त हो चुकी है, इसलिए उन्हें अपने मूल विभाग में लौटना होगा। केंद्र सरकार के सर्व शिक्षा अभियान के तहत प्रत्येक विकासखंड स्रोत समन्वयक कार्यालय के लिए पांच विकासखंड अकादमिक समन्वयक पद के मान से प्रदेश में इसके 1610 और प्रति जनशिक्षा केंद्र में 21 विद्यालयों के लिए एक जनशिक्षक के मान से 5320 पद स्वीकृत हैं।

ऐनवक्त पर टाली प्रक्रिया
प्रदेश के अधिकांश जिलों में जनशिक्षकों की प्रतिनियुक्ति प्रक्रिया सालभर पहले ही पूरी कर ली गई है। इन जिलों में नए जनशिक्षकों को कार्य करते एक साल बीत गया, लेकिन जिले में यह प्रक्रिया अभी तक शुरू नहीं की जा सकी। हालांकि यहां चयन प्रक्रिया के लिए काउंसलिंग की तारीख भी जारी हो चुकी थी, लेकिन ऐनवक्त पर इसे फिर टाल दिया गया। इधर, कुछ जनशिक्षकों का कहना है कि शासकीय नियमों के तहत उन्हें इस पद पर बने रहने का कोई अधिकार नहीं है, लेकिन स्थानीय अधिकारियों की लेतलाली से मजबूरन यह कार्य करना पड़ रहा है।

अब बचने का नया बहाना ढूंढ रहे
जिले में विकासखंड अकादमिक के 30 और जनशिक्षकों के 81 पद स्वीकृत किए गए हैं, जबकि पिछली चयन प्रक्रिया में 90 पद मंजूर थे। इन्हें प्रतिनियुक्ति से भरा जाना है। इन पर उच्च श्रेणी शिक्षक अथवा अध्यापक संवर्ग के शिक्षक को पदस्थ किया जा सकेगा। अभ्यर्थी की अधिकतम आयु 1 जनवरी 2015 को 49 वर्ष से अधिक नहीं होना चाहिए। साथ ही कोई विभागीय जांच लंबित न हो। इसमें कुछ जनशिक्षकों ने अपने पद पर बने रहने के लिए कोर्ट की शरण ली है। तर्क है कि उनके अनुभव को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता। इसके विपरीत सामान्य प्रशासन विभाग ने कर्मचारी की सेवा शर्तों का हवाला देते हुए कहा कि किसी भी कर्मचारी की प्रतिनियुक्ति चार साल से अधिक नहीं होगी।

यह थी चयन प्रक्रिया
अर्हताधारी उच्च श्रेणी शिक्षकों एवं अध्यापकों की सूची 18 नवंबर 2015 तक अपडेट करना।
निर्धारित पद से तीन गुना ज्यादा अभ्यर्थियों की सूची जिला शिक्षा केंद्रों के सूचना पटल पर 27 नवंबर 2015 को चस्पा करना।
चयन समिति द्वारा इस बीच प्राप्त अभ्यावेदनों का निराकरण कर वरीयता सूची 7 दिसंबर 2015 को सूचना पटल पर प्रदर्शित की जाना।
वरीयता सूची अनुसार काउंसलिंग कर पदस्थापना स्थल 10 दिसंबर को अंतिम चयन सूची जिला शिक्षा केंद्र पर जारी होना।

हटाने की प्रक्रिया शुरू
मैंने इस मामले को गंभीरता से लिया है। पांच सालों से पदस्थ इन जनशिक्षकों को हटाने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। मामले में प्रत्येक जनशिक्षक का नाम, कहां पदस्थ है, मूल पदास्थापना कहां है, इसके साथ तमाम जानकारी मंगा ली है। जल्द ही इन जनशिक्षकों उनके मूल स्थानों पर भेज दिया जाएगा।
अक्षय राठौर, जिला परियोजना अधिकारी

  • facebook
  • twitter
  • googleplus
  • linkedin

More News »