रफी मोहम्मद शेख इंदौर। देवी अहिल्या यूनिवर्सिटी के टीचिंग डिपार्टमेंट में पढ़ने वाले विद्यार्थियों को अब क्लास रूम में जाने की जरूरत नहीं होगी बल्कि वो घर बैठे ही पढ़ाई कर सकेंगे। अगले सत्र में एक सेमेस्टर में एक विषय के लिए यह व्यवस्था लागू हो जाएगी। विद्यार्थी घर बैठे आॅनलाइन लेक्चर के माध्यम से पढ़ाई कर पाएंगे। इसके बाद परीक्षा नियमित आधार पर ली जाएगी।
यूनिवर्सिटी के विभिन्न डिपार्टमेंट के एचओडी ने मिलकर यह प्रस्ताव तैयार किया है। वास्तव में परीक्षा से संबंधित आॅर्डिनेंस 31 में यह परिवर्तन किया गया है। यूनिवर्सिटी की स्टैंडिंग कमेटी ने इसे पारित कर दिया है और अब को-आॅर्डिनेशन कमेटी इस पर अंतिम मुहर लगाएगी।
यूजीसी ने किया प्रावधान
नया नियम च्वॉइस बेस्ड क्रेडिट सिस्टम (सीबीसीएस) के अंतर्गत पढ़ाई करवा रहे यूटीडी डिपार्टमेंट में लागू होगा। यूनिवर्सिटी ग्रांट कमीशन ने सीबीसीएस में यह प्रावधान किया है कि एक आॅप्शनल वाला पेपर पढ़ने का मोड विद्यार्थी अपनी च्वाइस के अनुसार चुन सकता है। इस कारण यूनिवर्सिटी ने इसे नए मोड में शुरू करने का निर्णय लिया है।
वीडियो-आॅडियो डाउनलोड
पिछले सत्र से कई डिपार्टमेंट में सीबीसीएस लागू कर दिया गया है। इसमें प्रति सेमेस्टर में कुल पांच विषय विद्यार्थी को पढ़ना होते हैं। इन पांच में से एक विषय आॅप्शनल होता है। नए परिवर्तन के बाद इस आॅप्शनल विषय को पढ़ने के लिए विद्यार्थी को कॉलेज या क्लास में आने की जरूरत नहीं होगी। इस विषय के प्रोफेसर कोर्स से संबंधित मटेरियल के वीडियो और आॅडियो तैयार करेंगे। इसके बाद इसे डिपार्टमेंट की वेबसाइट पर अपलोड कर दिया जाएगा। विद्यार्थी घर बैठे इसे डाउनलोड कर सकेगा।
मार्कशीट में सीधे नंबर
डाउनलोड किया गया मैटर कोर्स के आधार पर ही अलग-अलग यूनिट में बांटा जाएगा। इस विषय की अटैंडेंस विद्यार्थी द्वारा डाउनलोड किए गए कोर्स के आधार पर लगाई जाएगी। इसके बाद डिपार्टमेंट सीधे इसकी परीक्षा लेगा और रिजल्ट के आधार पर मार्कशीट तैयार की जाएगी, जिसमें नंबर भर दिए जाएंगे। इसके लिए विद्यार्थी अपना पर्सनल आईडी और पासवर्ड भी उपयोग कर सकता है, जो डिपार्टमेंट द्वारा प्रत्येक विद्यार्थी को अलॉट किया जाता है।
फैकल्टी भी कम लगेगी
सीबीसीएस में एक आॅप्शनल विषय के लिए विद्यार्थी को दूसरे डिपार्टमेंट या दूसरी यूनिवर्सिटी में जाकर पढ़ने की छूट है। नए परिवर्तन से न केवल विद्यार्थी के समय की बचत होगी बल्कि डिपार्टमेंट और यूनिवर्सिटी को भी आसानी होगी कि उसकी एक फैकल्टी पढ़ाने में कम लगेगी। पहले ही फैकल्टी की कमी से जूझ रहे यूनिवर्सिटी डिपार्टमेंट के लिए यह एक तरीके से राहत ही होगी। उधर आॅनलाइन पढ़ाई के कारण एक से दूसरे डिपार्टमेंट में पढ़ने जाने की कवायद से भी विद्यार्थी को मुक्ति मिल जाएगी।