संतोष शितोले इंदौर। पहले पत्नी अचानक घर से निकलने के बाद गायब हो गई। इससे परिवार व पुलिस की नींद उड़ गई। तीन दिन बाद वह नाटकीय स्थिति में मनमाड़ स्थित गुरुद्वारे में अपनी बच्ची सहित मिली। फिर पुलिस को बयान दिए कि मैं खुद अपनी मर्जी से गई थी। इसके बाद फिर मायके चली गई और आने को राजी नहीं हुई। इधर, पिता के पास रह रही मासूम बच्ची को अचानक एक दिन सेंधवा पुलिस एसडीएम के आॅर्डर का हवाला देकर ले गई। पिता ने एसडीएम कोर्ट के फैसले के खिलाफ जिला कोर्ट में अपील की। कोर्ट ने एसडीएम के आदेश को खारिज कर पत्नी को बच्ची सहित सुपुर्दगी के मामले में पेश होने को कहा तो वह नहीं आई। कोर्ट ने अब उसके खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी किया है। सेंधवा पुलिस का कहना है कि वह और बच्ची दोनों नहीं मिल रहे हैं।
मामला निजी बैंक के मैनेजर गुनप्रीतसिंह पिता जसपालसिंह भाटिया निवासी 19-बी प्रेम नगर का है। 16 फरवरी 2016 को उनकी पत्नी बलप्रीत उर्फ रोशनी दोपहर को अपने घर से तीन वर्षीय बेटी गुरमनी को लेने के लिए स्कूल रवाना हुई थी लेकिन नहीं लौटी। परिजन ने उसे काफी तलाशा और फिर जूनी इंदौर थाने में गुमशुदगी दर्ज कराई। जांच में पता चला कि बच्ची भी स्कूल से गायब है। परिजन ने घर के बाहर के फुटेज निकाले तो उसमें बलप्रीत अकेले घर से बाहर झोला लेकर जाते दिखाई दे रही थी। बहरहाल, पुलिस हरकत में आ गई और इंदौर सहित कई शहरों में दोनों को लेकर छानबीन की। इस बीच 19 फरवरी को गुनप्रीतसिंह को उनके सेंधवा निवासी साले सोनू भाटिया से सूचना मिली कि बलप्रीत और गुरमनी दोनों मनमाड़ (महाराष्ट्र) स्थित गुरुद्वारे में मिले हैं और सुरक्षित हैं।
बलप्रीत मिली ही नहीं तो बयान कैसे लिए
मामले में कोर्ट ने 6 अक्टूबर को बलप्रीत के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी किया। इसके साथ ही टीआई को टीप लिखी कि वह 8 अक्टूबर को वारंट तामील कराएं। मामले में पुलिस की ओर के कोर्ट में जवाब पेश किया गया कि बलप्रीत नहीं मिल रही है। वह शहर से बाहर है। इसके साथ ही हवाला दिया कि पुलिस ने बलप्रीत को उसके मायके स्थित निवास, रिश्तेदार अमोलकसिंह भाटिया निवासी सेंधवा के यहां ढूंढा, लेकिन नहीं मिली। हास्यास्पद यह कि 8 अक्टूबर को पुलिस ने अपनी यह छानबीन बताई है वहीं एक स्थान पर लिखा है कि बलप्रीत के एक अन्य केस (भादंवि 498) में कथन इसी दिनांक में हुए हैं। यानी एक ओर पुलिस बलप्रीत के नहीं मिलने की बात कह रही है वहीं दूसरी ओर उसके दहेज के केस में उसके बयान की बात कही है। बहरहाल, पिता गुनप्रीतसिंह अपनी बच्ची को पाने के लिए नौ माह से संघर्ष कर रहे हैं।