रफी मोहम्मद शेख इंदौर। अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के इंदौर में होने वाले राष्ट्रीय अधिवेशन के लिए तैयारियां शुरू हो गई हैं। इसमें होने वाले खर्च के लिए कॉलेजों के प्रोफेसरों से भी वसूली की जा रही है। खासकर इंदौर संभाग में प्रत्येक सरकारी प्रोफेसर को पांच हजार रुपए की रसीद न कटवाने पर ट्रांसफर का डर दिखाया जा रहा है। मामला सत्तापक्ष का होने से चंदा देना मजबूरी है, वहीं दबे स्वर में इसका विरोध भी हो रहा है। उधर, एबीवीपी नेता इसे स्वेच्छा का मामला बता रहे हैं।
24 से 27 दिसंबर तक होने वाले इस सम्मेलन के खर्च के लिए एक हजार से पांच हजार रुपए तक की रसीदें छपवाई गई हैं। सरकारी कॉलेजों को टारगेट करते हुए वरिष्ठ नेता कॉलेज पहुंचकर बैठकें ले रहे हैं और इस सम्मेलन के लिए प्रत्येक प्रोफेसर को पांच हजार रुपए की अनिवार्य रसीद कटवाने का कह रहे हैं। कई प्रोफेसरों ने डर के कारण तो कुछ ने स्वेच्छा से यह रसीद कटवाकर रुपए दे भी दिए।
कॉलेज से जुड़े प्रोफेसर
कॉलेजों में कार्यरत भाजपा या एबीवीपी से जुड़े प्रोफेसरों को साथ लेकर यह वसूली की जा रही है। स्पष्ट कर दिया गया कि जो रुपए नहीं देगा वो ट्रांसफर के लिए तैयार रहे।
पहले तय किए थे एक हजार- पूर्व में तय हुआ था कि इस कार्यक्रम में होने वाले करीब पांच करोड़ खर्च के लिए एक-एक हजार रुपए की रसीद काटी जाए। इसमें कॉलेज, स्कूल और अन्य विभागों के अधिकारियों से रुपए लेंगे। आरंभ में यही प्रक्रिया शुरू की गई, लेकिन अब प्रोफेसरों को कहा जा रहा है कि आपकी सैलेरी लाख रुपए है, तो पांच हजार नहीं दे सकते।
विरोध के मूड में
प्रोफेसरों का कहना है एक हजार तक तो ठीक है, लेकिन पांच हजार रुपए नहीं देंगे। बाद में अन्य संगठन भी इसकी मांग करेंगे। वे खुलकर तो सामने नहीं आ रहे, लेकिन अनिवार्य करने को बिलकुल गलत बता रहे हैं।
कार्रवाई करेंगे
एक हजार से पांच हजार रुपए तक की रसीदें छपी हैं, लेकिन हमने स्वेच्छा से सहयोग का आग्रह किया है। किसी से जबरदस्ती नहीं कर रहे। अगर कोई ऐसा कर रहा है तो हम कार्रवाई करेंगे।
-रोहिन राय,
प्रदेश मंत्री, एबीवीपी मप्र
कोई दबाव नहीं
सम्मेलन का प्रचार कर विद्यार्थियों और आमजन से भी सहयोग राशि देने का आग्रह कर रहे हंै। किसी पर कोई दबाव नहीं बना रहे।
-डॉ. विशाल पुरोहित,
अध्यक्ष, एबीवीपी इंदौर