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18 परिवारों के ‘मकान’ में उलझ गए लालवानी बंधु

By Dabangdunia News Service | Publish Date: Oct 19 2016 10:43AM | Updated Date: Oct 19 2016 10:43AM
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मुनीष शर्मा इंदौर। इंदौर विकास प्राधिकरण अध्यक्ष शंकर लालवानी और उनके भाई प्रकाश लालवानी 18 परिवारों द्वारा बनाए गए पक्के मकानों में उलझ गए हैं। ये मकान उस जमीन पर बने हैं, जिसे प्राधिकरण ने सिंध एजुकेशन ट्रस्ट को लीज पर दी है। मकानों का निर्माण करीब दो साल पहले शुरू हुआ था, कुछेक निर्माण अभी भी जारी हैं। अतिक्रमणकारियों का कहना है कि हमें लालवानी बंधुओं ने आश्वासन दिया है कि वे रजिस्ट्री करवा देंगे जबकि दोनों भाई इस तरह के आश्वासन से स्पष्ट इनकार कर रहे हैं।

प्राधिकरण ने 1979 में ट्रस्ट को लगभग 57 हजार स्क्वेअर फीट जमीन स्कीम नंबर 31 (सपना-संगीता टॉकिज के सामने) में दी थी। दो साल बाद 1981 में उसे इसका कब्जा मिला। तब से ही लगभग 20 हजार स्क्वेयर फीट जमीन पर इन लोगों का कब्जा था। इनका कहना था कि उन्हें प्रशासन ने ही बसाया था। ट्रस्ट तब से इस जमीन का उपयोग नहीं कर पा रहा था। हालांकि बची हुई जमीन पर ट्रस्ट द्वारा नामदेव पंजवानी हायर सेकंडरी स्कूल चलाया जा रहा है।

आश्वासन मिलते ही बनाने लगे मकान

करीब दो साल पहले इन कब्जेधारियों ने मतलानी गार्डन की तरफ कॉर्नर पर मकान बनाना शुरू कर दिए। उनका कहना है कि हमें ट्रस्ट के अध्यक्ष प्रकाश लालवानी ने 18 बाय 33 के प्लॉट विकसित करके दिए, जिसकी रजिस्ट्री कराने का आश्वासन प्राधिकरण अध्यक्ष शंकर लालवानी ने दिया था। हम सभी ने दोनों भाइयों के आश्वासन पर ही मकान बनाए हैं लेकिन अभी तक रजिस्ट्री नहीं हो पाई है। उधर, प्राधिकरण के अधिकारियों का कहना है जब जमीन एजुकेशन के लिए लीज पर दी गई है तो इसका आवासीय उपयोग नहीं किया जा सकता। प्राधिकरण इसकी रजिस्ट्री भी नहीं करवा सकता क्योंकि उसे अधिकार नहीं है। यदि ट्रस्ट ने रजिस्ट्री कराने के लिए लिखकर दिया तो उसकी लीज ही निरस्त हो जाएगी।

तब ध्यान क्यों नहीं दिया
भाजपा के एक वरिष्ठ नेता का कहना है कि शंकर लालवानी ने जानबूझकर मकान बनने दिए। ट्रस्ट के अध्यक्ष उनके भाई प्रकाश ही हैं और उन्हें इसकी जानकारी थी। जब लोग प्राधिकरण की जमीन पर निर्माण कर रहे थे तब अध्यक्ष होने के नाते वे नोटिस दिलवाते और कार्रवाई करते, लेकिन उन्होंने ऐसा कुछ नहीं किया।

ये हटे तो जमीन मिली
ये लोग हटे तो छात्राओं को खेल का मैदान मिल गया। ये विवाद काफी पुराना था, इससे ट्रस्ट का कोई लेना-देना नहीं है। हमें पहले ही जमीन कम मिली थी, जिसके लिए कोर्ट में याचिका लगाई थी। मैंने न आश्वासन दिया, न प्लॉट विकसित कर दिए।                                             - प्रकाश लालवानी, अध्यक्ष, सिंध एजुकेशन ट्रस्ट

पुराने बोर्ड का प्रस्ताव

इन लोगों को ट्रस्ट की जमीन से हटाकर एक कोने में बसाने का प्रस्ताव पुराने बोर्ड का ही था। हालांकि ये लोग मर्जी से ही हटे हैं। प्राधिकरण का कोई लेना-देना नहीं है। मैंने कभी रजिस्ट्री कराने का आश्वासन नहीं दिया। बोर्ड बैठक में मामले को रखेंगे।                                             - शंकर लालवानी, अध्यक्ष आईडीए

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