कृष्णपाल सिंह इंदौर। शहर में हाल ही में हुए अंतरराष्ट्रीय टेस्ट मैच की सफलता के बाद अब नगर निगम का ध्यान नेहरू स्टेडियम पर है। निगम की मंशा इसका पुराना वैभव लौटाने की है। शहर के मध्य बने इस स्टेडियम को जल्द संवारा जाएगा। इसके लिए प्लानिंग भी तैयार कर ली गई है। 36 करोड़ रुपए के इस प्लान को चार चरण में अमलीजामा पहनाया जाएगा।
बद से बदतर हो चुके हैं हाल
कभी शहर की शान रहे इस स्टेडियम के हाल इन दिनों बदतर हो चुके हैं। कई अंतरराष्ट्रीय मैच का गवाह रहे इस स्टेडियम के चारों ओर दुकानों के नाम पर कब्जा कर लिया गया था। हालांकि अधिकांश कब्जों को पिछले कुछ महीनों में हटा दिया गया है। दीवारें और प्रवेश द्वार की स्थिति भी ठीक नहीं हैं। इससे सटा जो गार्डन है वह भी असामाजिक तत्वों का अड्डा बन चुका है। नए प्लान में दुकानों को पूरी तरह साफ कर दिया जाएगा। मुख्य द्वार (इंट्रेंस प्लाजा) को सौर ऊर्जा से रोशन किया जाएगा।
चार चरण में 36 करोड़ रुपए खर्च करेगा नगर निगम
फेज 1
शिवाजी वाटिका का जो हिस्सा बीआरटीएस की रोड वाइंडिंग में आ रहा है, उसे तोड़कर व्यवस्थित बनाएंगे। वाटिका से स्टेडियम के पीछे तक सिर्फ तीन दुकानें रहेगी।
लागत: 3 से 4 करोड़ रुपए
फेज 2
स्टेडियम में अभी एसोसिएशन का आॅफिस और होस्टल है। इसे खाली कर दिया जाएगा और पूरी व्यवस्था बाहर रहेगी।
लागत: 12 करोड़ रुपए
फेज 3
स्टेडियम को नया रूप दिया जाएगा। नई बाउंड्रीवाल भी बनाई जाएगी। इसके अलावा जो घर यहां है, उन्हें शिफ्ट किया जा सकता है।
लागत: 3 से 4 करोड़ रुपए
फेज 4
छोटे नेहरू स्टेडियम को इंडोर स्टेडियम के रूप में तैयार करेंगे। इसे स्पोर्ट्स कॉम्पलेक्स के रूप में तैयार किया जाएगा।
लागत: 16 करोड़ रुपए
ये रहेगा खास...
> शिवाजी वाटिका में खूबसूरत गार्डन बनेगा।
> बड़े-बड़े पेड़ लगाए जाएंगे।
> दुकानें हटेंगी और वॉकिंग ट्रैक बनेगा।
> ओपन जिम भी तैयार किया जाएगा।
> परिसर में फाउंटेन भी बनेगा।
स्टेडियम नहीं, वर्कशॉप लगता था
नेहरू स्टेडियम की स्थिति इतनी बुरी हो गई थी कि यह स्टेडियम नहीं, वर्कशॉप लगता था। इसे कब्जे से मुक्त रखने के लिए नई योजना में यहां से दुकानें हटा दी गई हैं। स्पोर्ट्स से जुड़ी कुछ दुकानें जरूर रहेंगी। इसे खूबसूरत बनाने के लिए बगीचे को व्यवस्थित करेंगे और पार्किंग की पर्याप्त जगह बनाएंगे।
- मालिनी गौड़, मेयर
मिलेगा अच्छा वातावरण
स्टेडियम खेल गतिविधियों के लिए है। खिलाड़ियों को अच्छा वातावरण मिले, इसलिए यह प्लानिंग की गई है। अबतक यहां नियमों की अनदेखी कर दुकानें संचालित की जा रही थीं। निगम ने सख्ती से कार्रवाई कर उन्हें हटा दिया है, अब नई योजना पर काम शुरू किया जाएगा।
- मनीष सिंह, कमिश्नर, नगर निगम