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आरडी गार्डी कॉलेज को 26 सीटें ज्यादा कर दी अलॉट

By Dabangdunia News Service | Publish Date: Oct 15 2016 10:03AM | Updated Date: Oct 15 2016 10:03AM
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सुधीर शिंदे इंदौर। एमबीबीएस सीट आवंटन में बड़ी लापरवाही सामने आई है। एमजीएम मेडिकल कॉलेज के जिम्मेदारों ने उज्जैन के आरडी गार्डी मेडिकल कॉलेज में निर्धारित सीटों से 26 एडमिशन ज्यादा दे दिए।

भोपाल में 5 से 7 अक्टूबर के बीच हुई काउंसलिंग में यह लापरवाही हुई। शुक्रवार को इसका खुलासा उस समय हुआ जब काउंसलिंग में एडमिशन पा चुके विद्यार्थियों के दस्तावेजों की संबंधित मेडिकल कॉलेजों को देने के लिए छंटनी हो रही थी। आरडी गार्डी कॉलेज को कुल 150 सीटें आवंटित की गई थीं, लेकिन छंटनी में 176 फॉर्म निकले। लापरवाही उजागर होते ही सभी मामले को दबाने में जुट गए। सूत्रों के मुताबिक उधर, मामले की गंभीरता को देखते हुए कॉलेज प्रबंधन ने प्रमुख सचिव और डीएमई सहित अन्य जिम्मेदारों को भी इसकी जानकारी दी है। सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर नीट के माध्यम से सीटों के आवटंन की प्रक्रिया पूरी की गई थी।

एडमिशन देकर छात्रों से फीस भी ले ली
चिकित्सा शिक्षा विभाग ने इंदौर-उज्जैन संभाग के निजी मेडिकल और डेंटल कॉलेज में सीट आवंटन का जिम्मा एमजीएम मेडिकल कॉलेज को सौंपा था। भोपाल में तीन दिन तक काउंसलिंग के बाद सीटों के आवंटन के साथ ही दस्तावेजों की जांच भी की गई। कॉलेज आवंटन कर छात्रों से फीस के सात-सात लाख रुपए के ड्रफ्ट भी ले लिए। अब उन 26 छात्रों का भविष्य दांव पर लग जाएगा, जो कॉलेज से बाहर होंगे। वे मामले को लेकर कोर्ट भी जा सकते हैं।

40 डॉक्टर और 10 कर्मचारी फिर भी गफलत
तीन दिन की काउंसलिंग के लिए एमजीएम से डॉक्टर और कर्मचारियों की बड़ी टीम भोपाल गई थी। इसमें प्रभारी डीन डॉ. आरके माथुर, डॉ. विजय भाईसारे, डॉ. संजय दादू, डॉ. एसडी बंसल, डॉ. राहुल रोकड़े सहित 40 से ज्यादा डॉक्टर शामिल थे। वहीं कर्मचारियों में संजय सेबिस्ट्रियन, प्रशांत चव्हाण, गिरीराज दवे, लक्ष्मण नागौरी, आनंद फ्रांसीस, मधु अटले आदि थे।

सरकार भी कटघरे में
निजी मेडिकल कॉलेज अपने स्तर पर काउंसलिंग कर एमबीबीएस की सीटें भरना चाहते थे, जबकि सरकार नीट के माध्यम से। सूत्रों के मुताबिक जब निजी मेडिकल कॉलेज मामले को लेकर सुप्रीम कोर्ट पहुंचे तो सरकार ने पारदर्शिता से काउंसलिंग पूरी करने की
अंडरटैकिंग दे दी थी। इसके बावजूद इतनी बड़ी लापरवाही हो गई।

सबने साधी चुप्पी
प्रभांशु कमल, प्रमुख सचिव चिकित्सा शिक्षा विभाग को मोबाइल नंबर 94250-13314 पर लापरवाही की जानकारी देकर बात करना चाही तो उन्होंने स्विच आॅफ कर लिया।
डॉ. विजय महाड़िक, डॉयरेक्टर आरर्डी गार्डी कॉलेज को मोबाइल नंबर 98270-74334 पर एसएमएस करने के साथ ही कॉल भी किए, लेकिन उन्होंने जवाब नहीं दिया।
डॉ. जीएस पटेल, डीएमई को मोबाइल नंबर 98261-13938 पर कई बार कॉल किया,  लेकिन उन्होंने कोई जवाब नहीं दिया।

सीटों के अनुपात में ज्यादा एडमिशन हो गए। हम इसका निराकरण ढूंढ रहे हैं।
- डॉ. आरके माथुर, प्रभारी डीन, मेडिकल कॉलेज

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