29 Mar 2024, 16:16:02 के समाचार About us Android App Advertisement Contact us app facebook twitter android

विनोद शर्मा इंदौर। पारिवारिक उपयोग के लिए घर की मंजूरी लेकर पलसीकर में जिस इमारत को बनाकर बेचा गया है, उसमें स्वीकृति से 7623 वर्गफीट ज्यादा निर्माण हुआ है। इसके लिए चौतरफा एमओएस पर कब्जाकर बड़ी मात्रा में हेंगिंग की गई है। इसका खुलासा 15वें अपर जिला न्यायाधीश बीएल प्रजापति के समक्ष प्रस्तुत नगर निगम की रिपोर्ट में हुआ है। हालांकि अब तक जिम्मेदार मैदानी अमला बिल्डिंग का काम तक नहीं रुकवा पाया है।

भवन के नाम पर बनी इस इमारत में बिल्डर सोनू चांदवानी उर्फ सक्षम की मनमानी का खुलासा दबंग दुनिया ने 4 अक्टूबर को ‘घर के लिए ली अनुमति, मल्टी बनाकर बेच दी’, शीर्षक से प्रकाशित समाचार में किया था। राजमहल कॉलोनी निवासी निलेश दरियानी की शिकायत और दबंग दुनिया की खबर के आधार पर मामला कोर्ट पहुंचा। कोर्ट के निर्देश पर जोन-2 के भवन अधिकारी पीएस कुशवाह ने जांच की और मौका पंचनामा के साथ जांच रिपोर्ट सबमिट की।

नपती हुई तो बिल्डर गायब
भवन अधिकारी कुशवाह ने जो पंचनामा रिपोर्ट दी है उसके अनुसार जब बिल्डिंग की नपती की गई तब शिकायतकर्ता निलेश और उनके वकील विजय नागपाल तो मौके पर मौजूद थे, लेकिन बार-बार सूचना देने के बावजूद निर्माणकर्ताओं की ओर से कोई उपस्थित नहीं हुआ। न प्लॉट मालिक इन्दरसिंह के पांचों बेटों में से कोई न ही बदनाम बिल्डर सोनू चांदवानी ‘सक्षम’।

सटीक रही दबंग की रिपोर्ट
दबंग दुनिया ने बिल्डिंग को लेकर प्रकाशित समाचार में उल्लेख किया था कि इन्दरसिंह के बेटों हरभजनसिंह, भूपेंद्रसिंह, सतवंतसिंह, चरणजीतसिंह और कमलजीतसिंह ने 5675 वर्गफीट प्लॉट पर सितंबर 2014 में करीब 7450 वर्गफीट में निर्माण की अनुमति ली और निर्माण किया 15073.21 वर्गफीट। अतिरिक्त 7623 वर्गफीट। जिसे बिल्डर 4100 रुपए/वर्गफीट में बेचकर 3.12 करोड़ कमाएगा।

नहीं रुका निर्माण

मामला न सिर्फ नगर निगम के गलियारों तक सीमित रहा, बल्कि जिला सत्र न्यायालय तक पहुंच चुका है। बावजूद इसके अब तक नगर निगम ने मौके पर जाकर सोनू सक्षम द्वारा किए जा रहे अवैध निर्माण को रुकवाने तक की हिम्मत नहीं की। न सिर्फ निर्माण, बल्कि फ्लैट्स की बिक्री भी जारी है।

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