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बिल्डिंग शुल्क के नाम पर चेहरा देखकर तिलक कर रही पंचायत

By Dabangdunia News Service | Publish Date: Oct 9 2016 11:43AM | Updated Date: Oct 9 2016 11:43AM
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संतोष शितोले इंदौर। कैलोदहाला ग्राम पंचायत कई दिन से फिनिक्स टाउनशिप के विवादास्पद प्लॉटों को लेकर चर्चा में है। मामले में प्रशासन पीड़ितों को प्लॉट दिलाने के लिए प्रयासरत है, वहीं पंचायत द्वारा बिल्डिंग शुल्क के नाम पर मनमानी की जा रही है। उक्त पंचायत में आने वाली टाउनशिप में भवन का नक्शा पास कराने के नाम पर 18 से 20 हजार रुपए वसूले जा रहे हैं। संबंधितों को इसकी रसीद भी नहीं दी जा रही। इस तरह पंचायत से टीएंडसीपी अधिकारियों तक जमकर कमीशनखोरी हो रही है। उक्त पंचायत में अब तक सैकड़ों नक्शे पास कर लाखों रुपए वसूले गए।

पंचायत में कॉलोनी काटने के दौरान जो नक्शा टीएंडसीपी में पेश किया जाता है, उसमें नए प्रावधानों के तहत पांच हजार रुपए प्रति हेक्टेयर के अनुसार शुल्क है। दस हजार से ज्यादा शुल्क आॅनलाइन, जबकि इससे कम होने पर आॅनलाइन या मैनुअल दोनों स्थिति में जमा कराने का प्रावधान है। ऐसे ही इसमें संबंधित का आईडी प्रूफ, गूगल कलर प्रिंट (जिसमें साइट दर्शाई हो), सीडी (डीडब्ल्यूजी) फॉर्मेट, स्क्रूटनी शीट, मास्टर प्लान में जमीन का उपयोग, शपथ-पत्र (सीलिंग से मुक्त), विकास अनुबंध प्रमाणित, क्षतिपूर्ति पत्र (250 रुपए के स्टाम्प पर), इंजीनियर का शपथ-पत्र, लाइसेंस की प्रति, नक्शा ट्रेस (तहसीलदार से प्रमाणित), सर्वे एवं लोकेशन प्लान, भूमि उपयोग प्रमाण-पत्र, ऋण पुस्तिका की प्रति, रजिस्ट्री की प्रति, फील्ड बुक एवं पटवारी द्वारा सीमांकन, पंचनामा की मूल प्रति, तहसीलदार की पुष्टि संबंधी दस्तावेज, आवेदित जमीन के नक्शे की छह ब्लू प्रिंट प्रतियों सहित 26 आवश्यक दस्तावेज पेश करना होते हैं।

यह है निजी भवन नक्शा पास कराने की प्रक्रिया

उक्त पंचायत क्षेत्र में अगर किसी को अपने प्लॉट पर भवन का नक्शा पास कराना हो तो संबंधित को उसके लिए ग्राम पंचायत से अनुमोदन कराना होता है। इसके तहत उसे अपना आईडी प्रूफ, फोटो, प्लॉट की रजिस्ट्री की दो प्रतियां, नामांकन दस्तावेज, कॉलोनाइजर की एनओसी, अधिकृत इंजीनियर का बनाया नक्शा सहित अन्य दस्तावेज पेश करना होते हैं। इन दस्तावेजों के पूरे होने पर पंचायत अधिनियमों के तहत फीस ली जाती है। आमतौर पर यह 3500 से पांच हजार रुपए तक होती है, जिसकी पंचायत द्वारा बकायदा रसीद दी जाती है। इसके बाद पंचायत इसे टीएंडसीपी के अधिकृत इंजीनियर द्वारा विभाग को फॉरवर्ड करती है। इसके बाद 45 दिन में नक्शा पास कराया जाता है। चूंकि कॉलोनी का नक्शा पास कराने के दौरान अधिकतम दस्तावेज कॉलोनाइजर द्वारा पहले ही पेश कर दिए जाते हैं, इसलिए प्लॉटधारक से सीमित दस्तावेज लिए जाते हैं।

इनसे वसूली गई अधिक राशि
फिनिक्स टाउनशिप में 2303 प्लॉट हैं। इसके अलावा सरकारी जमीन पर 140 प्लॉट काटे गए हैं। अन्य 400 प्लॉट पर अभी खेती हो रही है। 1800 की रजिस्ट्री हो चुकी, जबकि 300 के नक्शे पास हो चुके हैं। इनमें गगन शुक्ला, मनीष वर्मा, विवेक मिश्रा, विकास राजपूत वे लोग हैं, जिनके प्लॉट एक हजार से तीन हजार वर्गफीट के हैं। इनसे 18 से 20 हजार रुपए शुल्क लिया गया, लेकिन रसीद नहीं दी गई। ऐसे ही इस पंचायत में सैटेलाइट टाउनशिप में 2500 प्लॉट हैं। इनमें से एक हजार प्लॉट बचे हैं। इस टाउनशिप में भी एक हजार के नक्शे स्वीकृत हो गए। इंडस सैटेलाइट में 800 के नक्शे स्वीकृत हो चुके हैं। इन सभी से पंचायत में पदस्थ तत्कालीन और वर्तमान पदाधिकारियों द्वारा 20 हजार रुपए तक का शुल्क वसूला गया। इस तरह बीते सालों में लाखों रुपए अवैध रूप से वसूले गए, जबकि फीस अधिकतम पांच हजार रुपए ही है।

ऐसे हो रहा फर्जीवाड़ा
जानकारी के मुताबिक निजी भवन का नक्शा पास कराने के लिए निपानिया, राऊ, देवगुराड़िया सहित अलग-अलग पंचायतें अपने हिसाब से शुल्क वसूल रही हैं। जानकारी के मुताबिक जिस पंचायत क्षेत्र में ज्यादा अच्छी टाउनशिप, कॉलोनियां हैं, वहां के बाजार भाव को देखते हुए  पंचायतें मनचाहा शुल्क वसूलती हैं।

इस बारे में टीएंडसीपी अधिकारियों से ही बात करें
नक्शा अनुमोदित पंचायत से ही होता है। जहां तक भवन शुल्क का सवाल है इस बारे में अभी कुछ नहीं कह सकता। वह तो कार्यालय में आकर पंचायत अधिनियम देखकर ही बताया जा सकता है कि कितनी फीस लगती है। 20-20 हजार रुपए भवन शुल्क लेने का मामला है, मैंने संबंधितों से कह दिया है कि वे टीएंडसीपी में ही इस मामले में बात करें।
-लोकेंद्र राठौर, सरपंच, कैलोदहाला पंचायत

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