कपिल राठौर इंदौर। शहर में एक थाना ऐसा भी है, जिसके टीआई बिना डंडे और केस के लोगों की समस्याएं सुलझाने में लगे हैं। जी हां, एमआईजी थाने के प्रभारी तारेश सोनी अपना सामाजिक दरबार लगाकर लोगों की समस्याएं सुलझाने में लगे हैं। शुक्रवार को भी कई परिवार अपनी समस्याएं लेकर पहुंचे थे। थाना प्रभारी ने सभी को अपने निर्णय से कुछ न कुछ राहत जरूर दी।
ऐसे सुलझाया महिला और ससुरालवालों का विवाद
रुस्तम का बगीचे में रहने वाली 30 वर्षीय महिला ने बताया कि ससुराल वाले मारपीट करते है और लाछन लगाते हैं। पति की मौत सात साल पहले हो चुकी है। मैं सिलाई कर तीन बच्चों को पाल रही हूं। वहीं सास का कहना था कि बहू पड़ोस में रहने वाले युवक से बातचीत करती है। इससे समाज के लोग हम पर ताना कसते हैं। बेटे की जायदाद का हिस्सा तीनों बच्चों के बालिग होने पर उनके नाम कर देंगे। लेकिन बहू को कुछ नहीं देंगे, न घर में रखेंगे।
हम शादी करना चाहते हैं : वहीं खड़े युवक ने कहा, मैं महिला से प्रेम करता है, शादी करना चाहता हूं। पर महिला के ससुराल वालों ने उससे मारपीट की।
यह सुनाया फैसला : टीआई ने सास और जेठ से कहा कि वे बहू को नहीं रखना चाहते तो उसकी दो लड़कियों के नाम डेढ़-डेढ़ लाख तथा बेटे के नाम एक लाख रुपए की एफडी कर दें। महिला को घर में नहीं रखने की बात पर टीआई ने कहा कि उसे किराए के मकान में रखें। जब तक बच्चों के नाम एफडी नहीं हो जाती, तब तक मकान का किराया महिला का जेठ देगा। वहीं, युवक से कहा कि वह शनिवार को शादी के लिए अनुबंध पत्र के साथ आकर मिले।
दूसरा मामला
एमआईजी थाने के पीछे बनी कॉलोनी में एक घर की छत सास ने तुड़वा दी। सास चाहती थी घर के नीचे बनी दुकान बड़ी हो जाए। वहीं बहू ने टीआई को रोते हुए बताया कि वह बड़ी मुश्किल से पार्लर चलाकर बच्चों की देखभाल करती है। सास उसके पार्लर पर कब्जा करना चाहती है। टीआई ने तुरंत जवान पहुंचाकर काम रुकवाया और सास-बहू से कहा कि वे मोहर्रम के बाद खुद उनके घर आएंगे फिर पूरा मामला समझकर काम रोकना है या क रना है, निर्णय लेंगे। तब तक दोनों किसी तरह का झगड़ा न करें। टीआई की बात सुन पूरा परिवार वहां से चला गया।