राहुल सेठी इंदौर। एक ओर शासन प्रदेश में उद्योगों को लाने के लिए निरंतर प्रयासरत है, वहीं दूसरी ओर शासन की पुरानी लापरवाहियों के कारण उद्योगपतियों और संगठनों को परेशान होना पड़ रहा है।
ऐसा ही एक मामला औद्योगिक प्रदर्शनियों के लिए बनाए जाने वाले प्रस्तावित कन्वेंशन सेंटर का है। एसोसिएशन आॅफ इंडस्ट्रीज मप्र के पदाधिकारियों की मंशा है कि पोलोग्राउंड स्थित बंद हो चुकी डीटीएम ग्लोबल कंपनी के स्थान पर कन्वेंशन सेंटर बने। शासन ने इसकी स्वीकृति भी दे दी।
अनुमान है कि सेंटर के निर्माण पर आठ से दस करोड़ रुपए खर्च आएगा। शासन इसके लिए भी तैयार है, लेकिन मुसीबत वो ही कंपनी है, जिसने काम बंद कर रखा है। फैक्टरी मालिकों ने हाई कोर्ट में याचिका भी दायर कर रखी है।
वैसे तो कोर्ट से इस संबंध में कोई स्टे आर्डर नहीं है, फिर भी अधिकारी मामले में ऐसी कोई त्रुटि नहीं करना चाहते, जिससे भविष्य में उनके लिए मुसीबत हो जाए। फिलहाल जो भी हो करोड़ों रुपए के कन्वेंशन सेंटर की यह योजना अब कागजों में सिमट कर रह गई है। कारण कि इस ओर अब अधिकारियों द्वारा कोई विशेष रुचि नहीं ली जा रही है, जबकि सभी जानते हंै कि कन्वेंशन सेंटर के लिए जितनी जमीन की आवश्यकता होती है, उतनी पांच एकड़ जमीन यहां है।
यह है योजना
एआईएमपी और शासन की योजना में कन्वेंशन सेंटर के लिए छोटा हॉल, एक्जिबिशन सेंटर, आॅफिस बिल्डिंग के साथ उद्योगपतियों के ठहरने की व्यवस्था रहेगी। फिलहाल इस सेंटर के संबंध में गत दिनों भी एआईएमपी के पदाधिकारियों ने उद्योग आयुक्त कांताराव से भोपाल में चर्चा की थी। उन्होंने उस समय कहा था कि मामले में कानूनी प्रक्रिया का निराकरण होने के बाद कार्रवाई की जाएगी।
कंपनी का एक कर्मचारी बैठ रहा
सूत्रों की मानें तो गत दिनों कोर्ट से यह आदेश जारी हुआ था कि उक्त जमीन पर कंपनी का एक व्यक्ति नियुक्त किया जाए। उसके द्वारा शासकीय और अर्द्धशासकीय पत्रों की जानकारी कंपनी के संचालक को दी जाए। इसके बाद ही कंपनी ने वहां एक कर्मचारी की नियुक्ति की है।
शासन पर निर्भर
कन्वेंशन सेंटर की आवश्यकता है। इसके लिए शासन को रुचि लेना होगी। इससे औद्योगिक क्षेत्रों में नए उद्योगों के आने की संभावना बनेगी। एआईएमपी द्वारा लगातार इस मामले में शासन से चर्चा की जाती है।
- ओमप्रकाश धूत, अध्यक्ष, एआईएमपी