मुनीष शर्मा इंदौर। बीआरटीएस कॉरिडोर पर बढ़ते ट्रैफिक के दबाव से निपटने के लिए आईडीए ने नई योजना बनाई है। इसके तहत बस लेन के ऊपर से ट्रैफिक निकाला जाएगा। इसके लिए एलआईजी चौराहे से नौलखा तक एलिवेटेड ब्रिज बनाया जाएगा। टेक्नोजेम कंसल्टेंट को सर्वे का काम दिया गया था, जिसने प्राथमिक रिपोर्ट में ब्रिज बनाने की संभावना जाहिर की है। अब फिजिबिलिटी सर्वे की तैयारी है, जिसमें ब्रिज की दिशा तय होगी।
जब से बीआरटीएस बना है तब से ही यहां यातायात को लेकर विवाद होते रहे हैं। जनता ने शुरू से ही इसे नहीं स्वीकारा है। कुछ दिनों तक बस लेन में निजी फोर व्हीलर भी चले। इसमें बसे लेट होने लगीं और चौराहों पर कई परेशानियां खड़ी हो गई। इससे बस लेन को सिर्फ बसों, एंबुलेंस और फायर ब्रिगेड के लिए आरक्षित कर दिया गया। अब प्राधिकरण ने नई योजना बनाई है। इसके तहत एलिवेटेड ब्रिज बनाकर ट्रैफिक को सड़क पर कम किया जाएगा। 20 सालों के लिए प्लानिंग की जा रही है ताकि यातायात सुगम चले।
जगह का उपयोग कर लेंगे
बीआरटीएस कॉरिडोर की प्लानिंग में एलिवेटेड ब्रिज नहीं है, लेकिन इंदौर को प्रयोग के रूप में लिया जा सकता है। वर्तमान में इंदौर की सांसद सुमित्रा महाजन के लोकसभा स्पीकर होने से बजट मिलने में भी परेशानी नहीं होगी, क्योंकि हर शहर की बीआरटीएस योजना लगभग फेल मानी गई है। एलिवेटेड ब्रिज का कॉन्सेप्ट सही साबित होने पर सभी दूर ये बनाए जा सकते हैं। ये ब्रिज भी मल्टीलेवल हो सकते हैं। इनकी ऊंचाई अन्य ब्रिजों से ज्यादा होगी।
ऐसा होगा ब्रिज
ब्रिज किस तरह से डिजाइन किया जाएगा यह तो सर्वे रिपोर्ट आने के बाद ही पता चलेगा। प्लानिंग है कि एलआईजी से शुरू होने वाले इस ब्रिज की मुख्य चौराहों पर एक-एक भुजा उतारी जाए। इसके लिए हर चौराहे पर यातायात का दबाव देखा जाएगा। महत्वपूर्ण यह रहेगा कि कॉरिडोर से ब्रिज पर ट्रैफिक कैसे चढ़ाया और उतारा जाए।
एलिवेटेड ब्रिज से होगा फायदा
हमने बीआरटीएस पर एलिवेटेड ब्रिज की योजना बनाई है। प्राथमिक रिपोर्ट मिली है, जिसमें ब्रिज बनाया जा सकता है। अब हम फिजिबिलिटी सर्वे कराने जा रहे हैं, जिससे काफी बातें सामने आएगी। ब्रिज बनने से यातायात का दबाव डायवर्ट होगा।
- राकेश सिंह, सीईओ, इंदौर विकास प्राधिकरण