विनोद शर्मा इंदौर। इनकम डिस्क्लोजर स्कीम (आईडीएस) का लाभ लेने के लिए आयकर विभाग एक तरफ ब्लैकमनी वालों को चेता रहा है, वहीं नियमित करदाताओं को ईमानदारी का सर्टिफिकेट भी बांट रहा है। नोटिस और समन से हटकर विभाग द्वारा पहली बार जारी किए गए सर्टिफिकेट करदाताओं को चौका रहे हैं। वहीं कुछ करदाता सर्टिफिकेट को फ्रेम करवाकर घर और आॅफिस की दीवार पर टांग रहे हैं।
नियमित और ईमानदारी से कर चुकाकर देश के विकास में योगदान देने वाले करदाताओं को एप्रिसिएशन लेटर देने की रणनीति बीते दिनों केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली ने बनाई है। उन्होंने कुछ चुनिंदा करदाताओं को अपने हस्ताक्षर वाले सर्टिफिकेट जारी किए थे। इसी कड़ी में इंदौर में भी करदाताओं को सर्टिफिकेट मिलने लगे हैं। विभाग ने इन्हें चार श्रेणियों में बांटा है। इनके नामकरण ओलिंपिक के पदकों की तरह ब्रॉन्ज, सिल्वर, गोल्ड और प्लेटिनम रखे गए हैं।
ताकि सबको मिले प्रशंसा
आयकर विभाग करदाताओं से अपील भी कर रहा है कि वे तय समय पर ई-रिटर्न फाइल करें और इलेक्ट्रॉनिक वेरिफिकेशन कोड (ईवीसी) पर आॅनलाइन उसको सत्यापित कर दें। या 120 दिन में इनकम टैक्स रिटर्न फार्म-5 जमा कर दें। इन्हें भी उनके योगदान के लिए सम्मानित किया जाएगा।
एक हजार करदाताओं तक पहुंचे सर्टिफिकेट
सीए मनीष डफरिया ने बताया कि टैक्स चुकाना न सिर्फ दायित्व है बल्कि विकास में योगदान भी है। ईमानदार करदाताओं के लिए प्रोत्साहन भी जरूरी है। करीब एक हजार सर्टिफिकेट जारी हो चुके हैं।
ई-मेल से मिल रहे हैं सर्टिफिकेट
सीए योगेश दवे ने बताया कि सर्टिफिकेट सिर्फ उन्हें ही दिए जा रहे हैं जो नियत समय पर टैक्स चुकाते हैं। वहीं सीए एसआर शर्मा ने बताया कि एप्रिसिएशन के रूप में जारी सर्टिफिकेट जब लोगों की दीवार पर टंगे दिखेंगे तो दूसरे करदाताओं को प्रेरणा मिलेगी।