कृष्णपाल सिंह इंदौर। जनता को पास में फटकने नहीं देने वाले नगर निगम कर्मचारी मंगलवार को उस समय धर्मसंकट में पड़ गए जब अंदर मेयर मालिनी गौड़ थीं और बाहर पीड़ित जनता। अचानक पहुंची मेयर के दबाव में कर्मचारियों के मिजाज में आश्चर्यजनक बदलाव आया। वे बेहद विन्रम हो गए। पीड़ितों को समझाते दिखाई दिए। बुजुर्गों को तो उन्होंने चाय-नाश्ता तक करवाया। ये नजारा था द्रविड़ नगर जोनल कार्यालय का। जहां पीड़ितों के साथ अभद्रता करने वाले मंगलवार को मेयर के डर से मर्यादा में दिखे।
कुछ को बाहर से ही रवाना कर दिया
जोन पर मेयर मालिनी गौड़ का दरबार लगा था। यहां अधिकारी-कर्मचारियों की फौज सिर्फ इसलिए थी कि उनके विभाग की समस्या मेयर को बताई जाएं। ऐसे में जोन पर कार्यरत स्टाफ ने ‘कमाल’ कर दिया। जरूरतमंदों को बाहर ही रोकना शुरू कर दिया। कुछ को तो रवाना तक कर दिया गया। वहीं कुछ महिलाओं को अंदर बैठकर संतुष्ट कर रवाना किया, ताकि वे मेयर के सामने न चली जाएं। इसमें दोनों बुजुर्ग डेढ़ सौ रुपए की पेंशन के लिए एक साल से परेशान हो रही हैं।
बताया- अंदर विवाद चल रहा है, साइड हो जाएं
77 वर्षीय सुशीला बाई, स्कीम 71 स्केटर बी ने जब कर्मचारियों से पूछा कि अंदर भीड़ क्यों है तो उसे डरा दिया कि विवाद चल रहा है आप साइड में आ जाएं। महिला साइड में चली गई तो उन्हें बैठाकर पानी पिलाया और रवाना कर दिया। बुजुर्ग महिला सुशीला ने बताया सालभर से परेशान हो रही हूं, लेकिन कोई सुनवाई नहीं हो रही है। 150 रुपए की पेंशन के लिए परेशान कर रहे हैं।
सालभर से भटका रहे
80 वर्षीय अनीता बाई निवासी चंदन नगर दृष्टिहीन हैं। सरकारी पट्टे पर झोपड़ी बना रखी है। 150 रुपए की पेंशन तक देने में जिम्मेदार आनाकानी करते हैं। फॉर्म जमा किए, तो दस्तावेज मांगे। राशन कार्ड, परिचय पत्र सहित अन्य सभी दस्तावेज दे चुकी हूं, फिर भी सालभर से भटका रहे हंै। कुछ पैसे जमा किए थे, जो चोरी हो गए। लोन मिल जाए तो बेटे की शादी कर दूं।