कृष्णपाल सिंह इंदौर। जल्द ही प्रदेशभर की खराब सड़कों की कुंडली तैयार होने वाली है। इसके लिए 15 दिन में बताना होगा कि किस खराब सड़क के लिए कौन-सा अफसर और ठेकेदार दोषी है। नगरीय प्रशासन विभाग के आयुक्त विवेक अग्रवाल द्वारा शुक्रवार को भेजे गए लेटर के बाद नगर निगम के अफसरों और ठेकेदारों में खलबली मच गई हैं।
अग्रवाल ने स्पष्ट किया है कि अफसर के साथ ही ठेकेदार ने गड़बड़ी की है तो उसे काली सूची में डाला जाए। दरअसल, मुख्यालय स्तर पर हुई शिकायत के बाद वरिष्ठ अफसरों हरकत में आए और जनकार्य विभाग में सालों से ‘मलाईदार’ पद पर डटे अफसरों का लेखा-जोखा तैयार करने के साथ जमीनी हकीकत में हुई गड़बड़ी की फेहरिस्त तैयार के आदेश जारी कर दिए हैं।
अफसरों पर भी हो कार्रवाई
लेटर में लिखा है, ठेकेदारों द्वारा बनाई गई सड़क, जो अफसर निगम के खर्च पर सुधारते हैं, उन पर भी कार्रवाई की जाए। जो काम ठेकेदार की शर्तों में शामिल है, उसे निगम अफसर विभागीय खर्च पर करवा रहे हैं। ऐेसे अधिकारियों पर कार्रवाई कर ठेकेदारों से भी वसूली की जाए। उधर, नगरीय प्रशासन विभाग ने निगमायुक्त को समन्वय का दायित्व सौंपा है, जो विभागों के साथ समन्वय बैठक करेंगे, ताकि पता चले कि सार्वजनिक सड़क का दायित्व किस विभाग का है।
ये करते रहना होगा
अब सार्वजनिक सड़कों पर बोर्ड लगाना होगा।
उस पर सड़कों के निर्माण के लिए उत्तरदायी अधिकारी का नाम, पता एवं फोन नंबर रहेगा।
नगरीय निकास क्षेत्र के तहत वार्डवार क्षेत्रवार सड़कों का स्पष्ट नक्शा रखना होगा।
नक्शा निकाय के वार्ड, जोन कार्यालय के बाहर लगाया जाएगा।
विभागों से समन्वयक के लिए माह में एक बार जरूर बैठक करना होगी।
ठेकेदार को डालें काली सूची में
एक-दो साल में खराब हुई सड़कों को चिह्नित कर उसके लिए जिम्मेदार अधिकारियों-कर्मचारियों के विरुद्ध कड़ी कार्रवाई की जाए। यदि ठेकेदार अनुबंध के खिलाफ लगातार काम करता है तो रजिस्ट्रेशन निलंबन के साथ उसे काली सूची में डालने की कार्रवाई करें। - विवेक अग्रवाल, आयुक्त सह सचिव, नगरीय विकास एवं आवास विभाग मंत्रालय