सुधीर शिंदे इंदौर। अब पुरानी गाड़ी खरीदने पर भी टैक्स देना होगा। परिवहन विभाग प्रदेश में कमर्शियल गाड़ी खरीदने वालों के लिए दो महीनों में नए नियम लागू कर देगा। इसके तहत नई गाड़ियों के लाइफ टाइम टैक्स की दो प्रतिशत राशि खरीदार को गाड़ी अपने नाम ट्रांसफर करते समय चुकानी होगी। इससे विभाग के राजस्व में तो बढ़ोतरी होगी, लेकिन खरीदार पर अतिरिक्त भार पड़ेगा। दूसरी बार खरीदार को कितना टैक्स चुकाना होगा, ये तय करने के लिए जल्द ही प्रदेशभर के परिवहन अधिकारियों की बैठक होगी।
इसलिए बन रहा नियम
वर्ष 2014-15 से प्रदेश में कमर्शियल गाड़ियों से लाइफ टाइम टैक्स वसूलने का नियम बना था। इसके बाद दो सालों में अभियान चलाकर तमाम पुरानी गाड़ियों से लाइफ टाइम टैक्स वसूला गया, लेकिन अब सरकार द्वारा दिया गया टारगेट पूरा करने में विभाग को पसीना आ रहा है। इसके कारण विभाग ने पुरानी कमर्शियल गाड़ियों के खरीदारों से भी टैक्स वसूलने का नियम बनाया है, ताकि राजस्व में बढ़ोतरी की जा सके।
ऐसे देना होगा टैक्स
नए नियम के लागू होने के बाद पुरानी गाड़ी के खरीदार को टैक्स एक या दो प्रतिशत देना होगा। यदि 20 लाख रुपए कीमत के नए ट्रक का लाइफ टाइम टैक्स सात प्रतिशत के हिसाब से 1.40 लाख रुपए होता है और उक्त ट्रक को कुछ साल बाद बेचा जाता है, तो खरीदार को 1.40 लाख रुपए का दो प्रतिशत यानी 2800 रुपए टैक्स का भुगतान करना होगा। अभी तक केवल ट्रांसफर फीस और दस्तावेजों के आधार पर ही गाड़ियों का ट्रांसफर हो जाता है, जिसके एवज में सरकार को मामूली फीस मिलती है।
20 हजार गाड़ियां हर माह ट्रांसफर
प्रदेश में हर महीने करीब 20 हजार गाड़ियों की खरीदी-ब्रिकी होती है। इसमें ट्रक, बस, डंपर सहित अन्य कमर्शिलय वाहन शामिल हैं। केवल इंदौर में ही हर महीने करीब 500 गाड़ियां ट्रांसफर होती हंै।
इससे राजस्व बढ़ेगा
पुरानी गाड़ियों से ट्रांसफर के दौरान टैक्स वसूलने का नियम बनाया जा रहा है। अगले एक-दो महीने में इसे लागू किया जा सकता है। इससे सरकार के राजस्व में बढ़ोतरी होगी। अभी ट्रांसफर के लिए मामूली फीस ही वसूली जाती है।
- डॉ. एमपी सिंह, आरटीओ