29 Mar 2024, 06:44:24 के समाचार About us Android App Advertisement Contact us app facebook twitter android

विनोद शर्मा इंदौर। दिवाली से कुछ ही सप्ताह पहले डायरेक्टोरेट रेवेन्यू इंटेलीजेंस (डीआरआई) ने बुधवार को नकली पटाखों का जखीरा जब्त किया है। इन प्रतिबंधित उत्पाद और चायनीज पटाखों को केमिकल की आड़ में आयात कर यहां लाया गया था। कुल आठ कंटेनर जब्त किए गए हैं जिनमें भरे पटाखों की कीमत 10 करोड़ रुपए से अधिक बताई जा रही है। बहरहाल, जिस प्रेस्टीज पोलीमर प्रा.लि. के नाम से कंटेनर आए हैं उसके कर्ताधर्ता फरार हैं।

सख्ती के तमाम दावों के बावजूद केमिकल की आड़ में प्रतिबंधित उत्पादों के आयात का सिलसिला जारी है। मंगलवार देर रात डीआरआई को ऐसी सूचना मिली थी, जिसके बाद कार्रवाई की गई।

पीछे छिपा रखे थे पटाखे
डीआरआई की टीम बुधवार सुबह करीब 11 बजे प्लॉट नं. 113 महू-नीमच रोड पीथमपुर सेक्टर-3 स्थित कंटेनर कॉर्पोरेशन आॅफ इंडिया लि. द्वारा संचालित इनलैंड कंटेनर डिपो (आईसीडी) पहुंची। यहां प्रेस्टीज पोलीमर प्रा.लि. के नाम से आए आठ कंटेनर चिह्नित किए गए, जो 20 फीट और 40 फीट के थे। कंपनी के नाम से बिल में अमोनियम क्लोराइड व कुछ अन्य केमिकल्स का जिक्र था। जब कंटेनर खोले गए तो इनमें आगे केमिकल था, लेकिन पीछे चायनीज पटाखों सहित अन्य प्रतिबंधित उत्पादों का जखीरा निकला।

दो कंटेनर में दो करोड़ रुपए का माल
आठ में से दो कंटेनर का ही सामान बुधवार को देखा जा सका। इनमें 90 फीसदी प्रतिबंधित उत्पाद थे, जिनकी कीमत ढ़ाई करोड़ बताई गई।

गिरफ्तारी तय

एक उत्पाद के नाम से दूसरे उत्पाद का क्रय-विक्रय या आयात-निर्यात मिस डिक्लेरेशन कहलाता है, जो संगीन अपराध है। वहीं प्रतिबंधित उत्पादों को चोरी-छिपे लाना तस्करी कहलाता है। दोनों ही मामलों में गिरफ्तारी तय है।

सब फरार...
>कंपनी डी-62, एसईजेड-1 पीथमपुर सेक्टर-3 में है। इसके सर्वे-सर्वा विपिन शर्मा हैं जो ए-6 रो-बंगलो शालीमार टाउनशिप में रहते हैं। 
>कंपनी के डायरेक्टर मनीष भल्ला और हरीशचंद्र भल्ला हैं। मनीष से 9810155625 और हरीश से 9871090797 पर संपर्क किया गया, लेकिन दोनों फोन बंद मिले। ये प्रेस्टीज पोलीमर के अलावा बी-2/15 मॉडर्न टाउन दिल्ली स्थित ओरियो आॅर्गेनिक प्रा.लि. और 7/23 कीर्तिनगर नई दिल्ली स्थित पायोनियर पोलीमर प्रा.लि. में भी डायरेक्टर हैं। इनके अलावा राजकुमार सिक्का और विकास अग्रवाल भी इनके भागीदार हैं।
>301 साहिल कान्हा पार्क (नखराली ढाणी के सामने) पर भी दबिश दी। यहां चिराग रहता है जो पीथमुपर में नौकरी करता है। महीनेभर पहले वह यहां शिफ्ट हुआ। वह मंगलवार रात से घर नहीं आया। उसके परिवार से पूछताछ की गई।
> एक बिल में 31, गुमाश्तानगर, व्यंकटेश मंदिर के पास का पता है। यह घर सुरेंद्र सिक्वी का है, लेकिन इनका प्रेस्टीज पोलीमर समूह से कोई लेना-देना नहीं है।       

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