19 Apr 2024, 20:03:04 के समाचार About us Android App Advertisement Contact us app facebook twitter android

विनोद शर्मा इंदौर। टॉप एन टाउन ब्रांड की आइसक्रीम बनाने वाली रमानी आइसक्रीम और उसकी सहयोगी फर्मों पर छापेमार कार्रवाई करने पहुंची इनकम टैक्स की टीम को ‘मिस्टर एक्स’ ने चौंका दिया है। ‘मिस्टर एक्स’ एक-दो भी नहीं बल्कि आधा दर्जन हैं जिन्होंने समूह और समूह की सहयोगी कंपनियों में 10 करोड़  रुपए से ज्यादा का निवेश कर रखा है। जांच में ‘मिस्टर एक्स’ की पहचान प्रदेश के प्रमुख मंत्रियों और आला दर्जे के अधिकारियों के रूप में हुई। फिलहाल, समूह में 50 करोड़ रुपए से अधिक की अघोषित आय का आकलन लगाया जा रहा है।

समूह के मध्यप्रदेश और छत्तीसगढ़ के 18 ठिकानों पर इनकम टैक्स इन्वेस्टिगेशन विंग ने छापेमार कार्रवाई की जो दूसरे दिन भी जारी रही। दोनों दिन की कार्रवाई में विंग के हाथ मजबूत प्रमाण लगे। दस्तावेजों में निवेशकों के नाम के आगे ‘मिस्टर एक्स’ लिखा है। यह देखकर विंग ने सख्ती से पूछताछ की, तब जाकर इनकी पहचान हुई।    

रीयल एस्टेट कारोबार में कैश ट्रांजेक्शन
ईशान बिल्डर ने रायसेन रोड पर ईशान पार्क व ईशान कॉर्पोरेट पार्क, होशंगाबाद रोड पर कान्हा फनसिटी के पास ईशान ग्रांड एस्टेट, कोलार रोड पर ईशान विस्टा और इंदौर रोड पर ईशान सिटी वॉक में कैश ट्रांजेक्शन और कैश सेल के मामले सामने आए हैं। यहां बिक्री रेट अलग है और इंट्री रेट अलग।

डायरेक्टर ही फरार
विंग की छापेमार कार्रवाई शुरू होने के साथ ही विजय हरि रमानी फरार हो गए। विजय रमानी होल्डिंग प्रा.लि. और रमानी आइसक्रीम कंपनी प्रा.लि. में डायरेक्टर हैं जबकि हाई लाइन एज्युकेयर इंडिया प्रा.लि. में एडिशन डायरेक्टर हैं। ईशान बिल्डर्स एंड डेवलपर्स के डायरेक्टरों की सूची में भी उनका नाम है। वहीं रमानी परिवार का कहना है कि वह फिलहाल बैंकाक में है, जबकि आईटी विभाग का मानना है कि वह भोपाल या उसके आसपास है। इसी तरह ईशान बिल्डर्स के प्रमुख डायरेक्टर बलविंदरपाल सिंह 14 दिन से परिवार सहित अमेरिका में है। घर में जो सदस्य हैं वे जांच में सहयोग नहीं कर रहे। सिंह 15 दिन बाद आएंगे।

खाद्य विभाग को जाती थी बंदी
रमानी के अरेरा कॉलोनी स्थित घर से जो दस्तावेज मिले हैं उनमें खाद्य विभाग को दिए जाने वाले मासिक भुगतान का भी जिक्र है। समूह ने डिपार्टमेंट में पैठ बनाने और अपने काम आसानी से करने के साथ ही टॉप एन टाउन आइसक्रीम की सेंपलिंग रोकने के लिए एक व्यक्ति की नियुक्ति लाइजनर के रूप में की थी। इसके माध्यम से ही खाद्य निरीक्षक से लेकर विभागीय आला अधिकारियों तक पैसा पहुंचाया जाता रहा। यही कारण है कि भोपाल में आइसक्रीम के नमूने लिए वर्षों हो चुके हैं। आखिरी कार्रवाई इंदौर में ही 2010-11 में खाद्य निरीक्षक रहे सचिन लोंगरिया ने की थी। नमूने फेल निकले थे। मामला कोर्ट में चल रहा है।

डुप्लीकेट बुक्स से कारोबार
कंपनी के 200 एक्सल्यूसिव पार्लर हैं और 10 हजार से ज्यादा आउटलेट्स। एक लाख लीटर से अधिक आइसक्रीम उत्पादन होता है। कंपनी की वेबसाइट पर डले आंकड़े और इनकम टैक्स रिटर्न में दिए आंकड़ों में बड़ा अंतर है। बताया जा रहा है कि कंपनी डुप्लीकेट बुक्स से कारोबार करती है। पार्टी से भुगतान होते ही बिल डिलिट कर दिए जाते हैं। डबल इंट्री सिस्टम भी है। एक कंपनी की प्रोफाइल दिखाने के लिए दूसरा इनकम टैक्स या अन्य विभागों को दिखाने के लिए।

खुला हवाला, जब्त 70 लाख
रमानी परिवार की जांच के दौरान एक नाम सामने आया घनश्याम दास का। कई जगह लेन-देन की इंट्री दिखी तो विंग ने उसके ठिकानों पर दबिश दी। जहां हवाले का कारोबार उजागर हो गया। हवाले के 70 लाख रुपए विंग ने जब्त कर लिए। विंग ने रजिस्टर भी जब्त किया, जिसमें हवाले की रकम का हिसाब था।

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