अनुप्रिया सिंह ठाकुर इंदौर। शहर में डेंगू पैर पसार रहा है और स्वास्थ्य विभाग के आला अधिकारी अब भी सिर्फ कागजों पर आंकड़े दर्ज करने में जुटे हैं। नियमों को ताक पर रखकर, फील्ड से दूर यह अधिकारी महज आॅफिस में बैठकर कोरे कागजों को काले कर रहे हैं। ऐसे ही एक अधिकारी हैं, धमेंद्र जैन। जिला मलेरिया अधिकारी के रूप में पदस्थ हुए धार के रहने वाले जैन को तीन महीने से ज्यादा का वक्त हो चुका है, इसके बावजूद मुख्यालय पर रहने के आदेश को एक तरफ रखते हुए वे रोज धार से इंदौर पहुंचते हैं और शाम होते ही फिर धार पहुंच जाते हैं।
दोपहर 12 बजे आकर शाम को निकल जाते हैं
सरकारी आदेश के मुताबिक कार्यक्रम अधिकारी को 24 घंटे अपनी सेवाएं देनी होती हंै, यानि किसी भी समय। ऐसे में जिला मलेरिया अधिकारी सिर्फ चार घंटे सेवाएं देते हैं, वह भी आॅफिस में। रोज दोपहर 12 बजे डीएमओ जैन एमटीएच कंपाउंड स्थित जिला मलेरिया विभाग पहुंचते हैं। फाइलों को उलट-पुलट कर, डेंगू, मलेरिया, डायरिया से पीड़ित मरीजों के आंकड़ों की गिनती कर, अधिकारी समय से पूर्व शाम 4 बजे आॅफिस से निकल भी जाते हैं। समय से पूर्व इसलिए क्योंकिउन्हें धार के लिए शाम की बस पकड़ना होती है।
अब तक नही किया निरीक्षण
डेंगू के 57 मामले सामने आने के बावजूद डीएमओ ने अब तक प्रभावित क्षेत्रों का निरीक्षण नहीं किया है। हालांकि इनके आदेशों पर 39 टीमें लार्वा सर्वे और क्षेत्रों में दवाइयों का छिड़काव कर रही हैं। जिला मलेरिया विभाग के साथ ही जैन पर सेंट्रल लैब का भी प्रभार है।
समय पर पहुंचता हूं
धार में पत्नी रहती है, इसलिए यहां कभी-कभी आ जाता हूं, वैसे मैं पूरे समय इंदौर में ही रहता हूं। मैं आॅफिस भी समय पर पहुंचता हूं। मैंने सरकारी आदेश का उल्लंघन नहीं किया।
धर्मेंद्र जैन, जिला मलेरिया अधिकारी
आदेश का पालन नहीं
सरकारी आदेश के मुताबिक मुख्यालय पर रहकर काम करना है लेकिन डीएमओ धमेंद्र जैन ऐसा नहीं कर रहे हैं। उन्हें जल्द ही इंदौर शिफ्ट होकर सेवाएं देने के आदेश दिए गए हैं, हालांकि अभी तक उन्होंने आदेश का पालन नहीं किया है। मैं इस मामले को गंभीरता से देखता हूं।
डॉ. एस पोरवाल, सीएमएचओ