सुधीर शिंदे इंदौर। मेडिकल क्षेत्र में जाने वाले विद्यार्थियों के लिए अच्छी खबर है। राज्य सरकार की योजनाओं के अनुसार प्रदेश में करीब तीन हजार एमबीबीएस सीटें बढ़ेंगी। प्रक्रिया शुरू हो चुकी है। इसके तहत प्रदेश में आठ नए सरकारी मेडिकल कॉलेज खोलने के लिए सेटअप तैयार किया जा रहा है। वहीं चार बड़े कॉलेजों में 250-250 एमबीबीएस सीटों की बढ़ोतरी होगी। गुना और जबलपुर के साथ ही दो निजी मेडिकल कॉलेजों को भी अनुमति दे दी गई है।
करीब तीन साल पहले उजागर हुए व्यापमं घोटाले से देशभर में प्रदेश की छवि खराब हुई थी। इसके पहले मेडिकल एंट्रेंस के टॉपर्स प्रदेश को तरजीह देते थे, लेकिन अब इसमें गुजरात, महाराष्ट्र, राजस्थान जैसे प्रदेश शामिल हो गए हैं। सरकार का मानना है कि इस क्षेत्र में विस्तार होने से प्रदेश की छवि सुधरेगी, साथ ही टॉपर स्टूडेंट्स पहले की तरह प्रदेश की ओर आकर्षित होंगे।
डॉक्टरों की कमी दूर करने का प्रयास
डब्ल्यूएचओ (विश्व स्वास्थ्य संगठन) के नियमानुसार 12 लोगों पर कम से कम एक डॉक्टर होना चाहिए, लेकिन प्रदेश में डॉक्टरों की इतनी ज्यादा कमी है कि 1500 से 1800 मरीजों के अनुपात में एक डॉक्टर है। इसके बावजूद महाराष्ट्र और गुजरात सहित अन्य राज्यों की अपेक्षा मप्र में मेडिकल कॉलेजों की संख्या कम ही रहेगी।
जनप्रतिनिधि भी रहे सक्रिय
प्रदेश में खुल रहे सात नए मेडिकल कॉलेजों के लिए स्थानीय जनप्रतिनिधियों के प्रयास सार्थक रहे। छिंदवाड़ा मेडिकल कॉलेज पूर्व केंद्रीय मंत्री कमल नाथ, विदिशा- सुषमा स्वराज, रतलाम- कांतिलाल भूरिया, खंडवा- सज्जनसिंह कुलस्ते व दतिया- ज्योतिरादित्य सिंधिया के विशेष प्रयासों का परिणाम है।
ऐसे होगा सीटों में इजाफा
रतलाम, खंडवा, छिंदवाड़ा, विदिशा, दतिया, शहडोल, शिवपुरी में नए सरकारी मेडिकल कॉलेज खुलना हैं। रतलाम में 150 और शेष शहरों में 100-100 सीटों से शुरुआत होगी। तीन महीने पहले केंद्र सरकार ने इंदौर, जबलपुर, ग्वालियर और भोपाल मेडिकल कॉलेजों को 250-250 सीटें आवंटित की थीं, जिन पर प्रति सीट दो करोड़Þ रुपए राज्य और केंद्र को मिलकर खर्च करना हैं। इसके अलावा गुना, जबलपुर सहित दो अन्य शहरों में 100-100 सीटों के साथ नए मेडिकल कॉलेज निर्माण की प्रक्रिया शुरू हो गई है।
कई शहरों को होगा लाभ
प्रदेश के हर क्षेत्र के लोगों को स्वास्थ्य लाभ मिले, इस उद्देश्य से सरकार ने योजनाएं बनाकर मेडिकल कॉलेज की शुरुआत की है। इसके चलते रतलाम मेडिकल कॉलेज से झाबुआ, खंडवा से खरगोन, छिंदवाड़ा से नक्सली क्षेत्र, दतिया से भिंड, शिवपुरी से मुरैना और विदिशा व शहडोल से आसपास के क्षेत्रों के लोगों को लाभ मिलेगा।
बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं देना उद्देश्य
सरकार का प्रयास है कि हर शहर और संभाग में बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं मिलें। स्वास्थ्य सेवाओं की कमी वाले शहरों को चिह्नित किया जा रहा है, ताकि वहां के लिए भी योजना बनाई जा सके।
-डॉ. जीएस पटेल, डीएमई, चिकित्सा शिक्षा विभाग