रफी मोहम्मद शेख इंदौर। इंडियन इंस्टिट्यूट आॅफ टेक्नोलॉजी (आईआईटीआई), इंदौर फिर सुर्खियों में है। यहां कार्यरत एक महिला कंसलटेंट ने मैनेजमेंट पर आरोप लगाया है कि उन्हें पहले पर्सनल प्रॉब्लम की बात कहकर टर्मिनेट किया गया और सैलेरी रोक दी गई। फिर उनसे जबरन इस्तीफा लिखवाया गया। इस्तीफे लेने के बाद ही उन्हें सैलेरी दी गई। महिला ने मानसिक उत्पीड़न कहते हुए इस बात की शिकायत प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी तक से की है। पीड़िता ने नेशनल कमीशन फॉर वूमेन और मानव संसाधन मंत्री से भी न्याय की गुहार लगाई है। उधर, आईआईटी ने इस संबंध में कुछ भी कहने से इनकार कर दिया है।
वाणी वेंकट ने 18 अप्रैल 2016 को आईआईटी में लाइजनिंग आॅफिसर के रूप में ज्वाइन किया था। एक साल के कॉन्ट्रेक्ट पर नौकरी शुरू करने के बाद 10 अगस्त को वाणी ने दबंग दुनिया को बताया कि संस्थान ने उन्हें हटा दिया है।
पहले इस्तीफा दो
वाणी ने मैनेजमेंट को बताया कि उन्होंने इन छुट्टियों के लिए समय रहते सूचना दे दी थी। पहले उनके एक रिश्तेदार की मृत्यु हुई, फिर ससुर को हार्ट अटैक आया और उसके बाद खुद की सर्जरी हुई। जब बतौर सबूत उन्होंने अपने मेडिकल व अन्य दस्तावेज पेश किए तो उन्हें आईआईटी में आकर बात करने को कहा गया। इसके बाद वाणी ने अपनी बात रखी, तो संस्थान ने मानने से इनकार कर दिया। वाणी के मुताबिक मैनेजमेंट ने उनसे साफ तौर पर कह दिया कि हम टर्मिनेशन तभी खत्म करेंगे तब आप इस्तीफा दे देंगी।
कहा -डेड बॉडी का फोटो भेजो
वाणी को दिया गया टर्मिनेशन लेटर
वाणी ने इस घटनाक्रम के बाद कहा कि संभवत: आईआईटी के इतिहास में यह पहला मामला होगा, जिसमें इस प्रकार से किसी को टर्मिनेट किया गया हो। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि उन्हें कई बार काम के घंटों के अतिरिक्त काम के लिए बुलाया गया। जब उन्होंने अपने रिश्तेदार की मौत की सूचना दी तो रजिस्ट्रार ने कहा कि डेड बॉडी का फोटो भेजो।
ई-मेल भी ब्लॉक
टर्मिनेशन के साथ ही वाणी की सैलेरी भी रोक दी गई। सैलरी दिए जाने के लिए भी इस्तीफे की शर्त रखी गई। मजबूरी में वाणी को इस्तीफा देना पड़ा। जैसे ही उन्होंने इस्तीफा दिया, उनका आईआईटी का ई-मेल ब्लॉक कर दिया गया। इसमें वे सभी मेल थे, जिनमें उन्होंने अपना पक्ष रखा था। इसके बाद भी अपनी रुकी हुई सैलरी पाने के लिए उन्हें कई बार गुहार लगानी पड़ी।
मैं आईआईटी लखनऊ और अहमदाबाद में काम कर चुकी हूं। मैंने सर्जरी, परिवार में मौत और समस्याओं के कारण बाकायदा सूचना देकर छुट्टी ली। अचानक मुझे टर्मिनेट कर दिया गया। बाद में जब मैंने प्रजेंटेशन दिया तो इस्तीफा देने के बाद ही सैलेरी दी गई। मैंने इस प्रताड़ना की शिकायत की है।
- वाणी वेंकट, पूर्व कंसलटेंट- आईआईटी इंदौर
मुझे या संस्थान को इस बारे में कोई कमेन्ट नहीं करना.. नो कमेंट..
- डॉ. निर्मला मेनन, पीआरओ - आईआईटी इंदौर