राहुल सेठी इंदौर। दो समुदायों के बीच विवाद का विषय बनी गोम्मटगिरि की जमीन का मामला दिलचस्प हो चला है। सड़क से शुरू हुए इस विवाद में जब सरकारी रिकॉर्ड खंगाले गए तो इसने नया ही मोड़ ले लिया।
दरअसल, दिगंबर जैन समाज अब तक यह आरोप लगाता आया है कि टेकरी पर स्थित उक्त मंदिर अवैध है। जब दबंग दुनिया ने मामले की पड़ताल की तो खुलासा हुआ कि नजूल रिकॉर्ड में देवनारायण मंदिर की जमीन गांधी नगर के पीछे बड़ा बांगड़दा में मंदिर देवधरम राज ओटला के नाम से दर्ज है। इस आधार पर उक्त मंदिर अवैध नहीं माना जा सकता। हालांकि इस तथ्य से खुद गुर्जर समाज के पदाधिकारी अनभिज्ञ हैं।
गोम्मटगिरि पर्वत दो गांवों नैनोद व बड़ा बांगड़दा में आता है। देवनारायण भगवान का मंदिर पर्वत पर बड़ा बांगड़दा की ओर है। सरकार द्वारा बड़ा बांगड़दा में खसरा क्रमांक 126 की 0.243 आरा जमीन मंदिर देवधरम राज ओटला के नाम से देवनारायण मंदिर के पुजारी को भरण-पोषण के लिए दी थी। हालांकि यह खुलासा होना बाकी है कि यदि मंदिर के पुजारी को जमीन बड़ा बांगड़दा में दी गई तो संभवत: उसी क्षेत्र में या फिर उसी जमीन पर मंदिर निर्माण के लिए भी जमीन मिली होगी।
यहां कोई और कर रहा खेती
देवधरम राज ओटला के नाम से जो जमीन बड़ा बांगड़दा में है, उस पर अरसे से किसान कैलाश राठौर द्वारा खेती की जा रही है। मंदिर की जमीन के पास ही उसकी जमीन होने से उसने इसे भी हथिया लिया। गत दिनों जिला प्रशासन की जांच से यह खुलासा हुआ था, लेकिन अधिकारियों ने मामला इसलिए दबा दिया कि इससे कोई नया विवाद खड़ा न हो जाए।
तीन गांव में है जैन समाज की जमीन
जैन समाज को गोम्मटगिरि पर सरकार ने तीन गांव की जमीन दी है। इनमें बड़ा बांगड़दा में खसरा क्रमांक 279/1/1, 279/1/3, 279/1/5, 282, 283 के साथ ग्राम नैनोद में खसरा क्रमांक 31, 32, 33, 34/1, 34/2 है। इसी प्रकार जम्बूर्डी हप्सी में भी समाज की जमीन है।
मंदिर की जमीन है
यह बात सही है कि बड़ा बांगड़दा में देवनारायण मंदिर की जमीन है। नजूल विभाग के रिकॉर्ड में भी इसका उल्लेख है। वरिष्ठ अधिकारियों को मामले से अवगत करा दिया गया है।
- कैलाश चौधरी, पटवारी
जानकारी ही नहीं
उक्त जमीन की हमारे पास कोई जानकारी नहीं है। यदि ऐसा है तो प्रशासन के माध्यम से शीघ्र ही जमीन को कब्जे से मुक्त कराने की कवायद शुरू करेंगे। देवनारायण और देवधरम एक ही नाम हैं।
- रमेश गुर्जर, महामंत्री,
गुर्जर महासभा
जांच होने दीजिए
उक्त जमीन शासकीय अभिलेख में मंदिर देवधरम राजा ओटला, व्यवस्थापक कलेक्टर के नाम दर्ज है। जांच होने दीजिए, इसके बाद ही बता सकूंगा कि फिलहाल क्या स्थिति है।
- अनिल बनवारिया,
एसडीएम