विनोद शर्मा इंदौर। बायपास पर 16 लेन के नए टोल प्लाजा शुरू होने के बाद इंदौर-देवास सिक्सलेन बनाने वाली कंपनी इंदौर-देवास टोलवेज लि. (आईडीटीएल) ने पुराने एबी रोड के नए टोल प्लाजा का काम भी शुरू कर दिया है। आठ लेन बनने वाले नए प्लाजा की टनल बन चुकी है। जल्द ही शेडवर्क शुरू होगा। कंपनी का दावा है कि दीपावली तक नए टोल प्लाजा में कलेक्शन शुरू हो जाएगा।
सवा पांच सौ करोड़ के इंदौर-देवास सिक्सलेन प्रोजेक्ट के तहत रसलपुर से राऊ के बीच 45 किलोमीटर लंबा सफर तय करने के लिए बायपास पर टोल प्लाजा ‘ए’ है। वहीं रसलपुर से मांगल्या जंक्शन तक 13 किलोमीटर लंबी सड़क इस्तेमाल कर पुराने एबी रोड पर टर्न लेने वालों के लिए राऊखेड़ी में टोल प्लाजा ‘बी’ है। दोनों टोल प्लाजाओं पर टोल वसूली सितंबर 2010 में शुरू हो गई थी। 2015 में बायपास स्थित टोल प्लाजा ‘ए’ का विस्तार करते हुए उसे 16 लेन का बना दिया गया। टोल प्लाजा ‘बी’ राऊखेड़ी की जमीन अधिग्रहण को लेकर जारी विवाद के कारण अटकी रही। कुछ जमीन क्लियर हुई भी। इसलिए आईडीटीएल ने एनएचएआई के दबाव के बाद आठ लेन के टोल प्लाजा का काम शुरू कर दिया।
जमीन, जिनके लिए रहा विवाद
ग्राम राउखेड़ी के सर्वे नं. 42/1, 54 और 54/1 की जमीन लोक निर्माण विभाग व अन्य सरकारी विभागों के नाम पर है, जहां सिक्स लेन एबी रोड बना है। सड़क के एक हिस्से में 53/1 और 53/2 (मुरलीधर) की जमीन है, जबकि दूसरी तरफ सुदर्शन बंडी की सर्वे नं. 55/1 और 55/2 की जमीन। 53/1 और 53/2 के साथ ही पीडब्ल्यूडी की जमीन पर टोल की टनल बन चुकी है। यहां टोल भवन भी बनना था, जो जमीन अधिग्रहण का विवाद खत्म न होने के कारण नहीं बन पाएगा। इसलिए जमीन क्लीयर न होने तक कंटेनर में आॅफिस चलेगा। जैसा अब तक चलता आया है।
आठ लेन का होगा प्लाजा
चूंकि टोल प्लाजा ‘ए’ के मुकाबले ‘बी’ की तीन गुना तक कम है और अब राऊ-निरंजनपुर सड़क भी सुधर गई इसीलिए यहां वाहनों का दबाव भी लगातार बढ़ चुका है। अभी प्लाजा के नाम पर दो-दो कलेक्शन काउंटर है। जहां टैक्स चुकाने के लिए वाहनों की कतार लगती है। नई व्यवस्था के तहत चार-चार कैश काउंटर होंगे, जिससे की टोल कलेक्शन की गति बढ़ेगी और वाहनों की कतार कम होगी।
हर बूथ में रहेगा टनल का रास्ता
बायपास की तरह यहां भी टोल प्लाजा के हर बूथ में टनल में आने-जाने का रास्ता होगा। बूथ चारों ओर से पैक होगा। सिर्फ रुपए लेकर पर्चियां देने के लिए छोटी खिड़की खुली रहेगी। कर्मचारी टनल से अपने बूथ के नीचे आएंगे और सीढ़ियों से चढ़कर बूथ में आ जाएंगे।
बीते दिनों मांगी थी प्रोग्रेस रिपोर्ट
टोल प्लाजा को लेकर नवंबर 2011 से आईडीटीएल, एनएचएआई और इंडीपेंडेंट इंजीनियर के बीच पत्राचार शुरू हो गया था। दिसंबर 2013 तक 16 से अधिक पत्र लिखे गए जिनका हवाला 22 जून 2016 को दिए गए अंतिम रिमाइंडर नोटिस में भी था। 30 दिसंबर 2013 में डिजाइन फाइनल हुई लेकिन जमीन विवाद के कारण काम शुरू नहीं हुआ।