मुनीष शर्मा इंदौर। पश्चिमी रिंग रोड का अलाइनमेंट क्या होगा, इस पर सैकड़ों परिवारों की किस्मत टिकी है, लेकिन आरटीओ के नए भवन परिसर की दीवार पर अचानक दले अलाइनमेंट से संकट खड़ा हो गया है। आरटीओ भवन आईडीए बना रहा है व इस सड़क का काम भी उसके पास ही है। नायता मुंडला की मुख्य सड़क से यह 500 मीटर लंबी बन रही है। मास्टर प्लान में यह स्कीम 140 स्थित शिवाजी वाटिका-बायपास लिंक रोड से मिलना है। मास्टर प्लान में इस सड़क की चौड़ाई 45 मीटर है, जिससे प्राधिकरण इस सड़क को मास्टर प्लान के मुताबिक ही बना रहा है। अलाइनमेंट बदलने से उसे सर्विस रोड की समस्या आ गई मतलब रोड बनाने के लिए उसे दीवार तोड़ना पड़ेगी।
...कारण न्यायालय का फैसला
दो करोड़ रुपए की लागत से बनने वाली इस सड़क के अचानक अलाइनमेंट बदलने का कारण न्यायालय का फैसला है। जानकारी के अनुसार असल में आरटीओ भवन के सामने की जमीन निजी मालिकी की है। जमीन मालिक ने यहां स्वीकृत नक्शे के आधार पर बाउंड्रीवाल बना रखी है। प्राधिकरण ने आरटीओ की दीवार से 45 मीटर की नपती की, जिसमें निजी जमीन मालिक की दीवार तोड़ने की बात आई। उसने न्यायालय में याचिका लगाई, जिसमें फैसला उसके पक्ष में गया। न्यायालय ने अपने फैसले में जमीन मालिकी की दीवार से 45 मीटर की नपती की बात कही, जिससे अब प्राधिकरण द्वारा बनाई गई दीवार पर मुसीबत आ गई। नियमानुसार अनुसार तो यह दीवार तोड़ना थी, लेकिन मामले में बात अफसरों पर आ जाएगी, चाहे वह प्राधिकरण का हो या नजूल विभाग का। यह दीवार करीब 100 मीटर लंबी है, जिसके पास गार्ड रूम भी हैं। इन दोनों की लागत लगभग 20 लाख रुपए बताई जा रही है।
बिजली के खंभे भी नहीं हटे
खास बात तो यह है कि प्राधिकरण ने अप्रैल में सड़क बनाना शुरू कर दी थी। इसके लिए उसने निजी जमीन मालिक की दीवार के पास से सड़क खोदना शुरू कर दिया था। तब से अब तक यहां बिजली के खंभे व डीपी आदि नहीं हटे हैं। बीच में बारिश के कारण पानी भरने से काम बंद हो गया था, लेकिन कुछ दिनों से फिर काम शुरू हो गया है।
किसान बात करने को तैयार लेकिन अधिकारी....
सड़क निर्माण में एक खेती की जमीन भी बाधक बन रही है। खेत मालिक यूसुफ पटेल अपनी जमीन देने को तैयार है। इनका कहना है सरकार मुझसे जितनी जमीन ले रही है उतनी ही जमीन मुझे पास में खाली पड़ी सरकारी जमीन में से आवंटित कर दें। जब तक किसान से जमीन नहीं मिलेगी तब तक प्राधिकरण सड़क पूरी नहीं कर पाएगा। युसूफ पटेल ने दबंग दुनिया को बताया दो माह पहले मैंने अधिकारियों से मेरे खेत के बदले में सरकारी जमीन देने की बात कही थी, लेकिन कोई अधिकारी पलटकर मेरे पास आए ही नहीं। मैं नुकसान उठाकर अपनी जमीन नहीं दूंगा।
हमें नजूल ने दी जमीन, उस पर किया निर्माण
हमें नजूल विभाग ने जो जमीन आरटीओ भवन बनाने के लिए दी उसी पर हमने निर्माण कार्य किया है। अब आगे नजूल ही तय करेगा क्या करना है क्योंकि हम तो सिर्फ निर्माण कार्य करते हैं।
- शंकर लालवानी
अध्यक्ष इंदौर विकास प्राधिकरण