विनोद शर्मा इंदौर। इंदौर विकास प्राधिकरण से हुए संकल्प नौ के बावजूद ज्योतिनगर गृह निर्माण सहकारी संस्था ने जमीन बेच दी। गैरकानूनी तरीके से बिकी इस जमीन पर पूर्व सांसद सज्जनसिंह वर्मा के समर्थक जितेंद्र डोडेजा छह मंजिला ‘शिव स्क्वेअर’ बना रहे हैं। टीएनसीपी और नगर निगम ने भी जमीन का बेकग्राउंड जानते-बुझते नक्शे मंजूर कर दिया।
मामला एबी रोड स्थित ग्राम तेजपुर गड़बड़ी की 25833 वर्गफीट जमीन का है। यहां ‘शिव स्क्वेअर’ नामक मल्टी बन रही है। तल और पहली मंजिल पर दुकानें व शोरूम है। बाकी में 68 फ्लैट है। शिव स्क्वेअर सर्वे नं. 307 की बंटांकन की जमीन पर बना है, जो 2013 से पहले ज्योतिनगर गृह निर्माण सह. साख संस्था की थी। सूत्रों की माने तो सरकारी शिकंजे से बचने के लिए बिल्डर डोडेजा ने सज्जन वर्मा का नाम प्रोजेक्ट से जोड़ा है।
संस्था की है जमीन
सर्वे नं. 307 और 308 की जमीन ज्योतिनगर संस्था की थी। ज्योतिनगर और कसेरा गृह निर्माण संस्था दोनों आईडीए के संकल्प नौ के दायरे में आती है। जब कसेरा गृह निर्माण सहकारी संस्था की जमीन आईडीए ने विकसित करके दी तो फिर ज्योतिनगर संस्था ने अपने प्लॉट बिना विकास कैसे बाले-बाले बेच दी।
- बलजीतसिंह साहनी
हम आपत्ति लेते रहे
नियमानुसार हाउसिंग सोसायटी की जमीन किसी बाहरी व्यक्ति को नहीं बेची जा सकती। बावजूद इसके छह लोगों को संस्था ने जमीन बेच दी। प्लॉटों को नियम विरुद्ध जोड़कर मल्टी का काम शुरू हुआ। पार्षद रहते मैंने टीएंडसीपी और नगर निगम दोनों जगह आपत्ति ली लेकिन अधिकारियों ने नहीं सूनी। निर्माण होता रहा।
- दिलीप सुरागे, पूर्व पार्षद
बड़े प्लॉट कैसे बिके
कमलेश पति रमेशचंद्र शाह : 307/5/मिन-4 और 307/8 पैकी की 0.038 हेक्टेयर।
मनोज पिता परमानंद श्राफ : 307/5/मिन-5 और 307/6 पैकी की 0.042 हेक्टेयर।
स्नेहल पिता सुरेश शाह : 307/5/मिन-6 और 307/6 पैकी की 0.042 हेक्टेयर।
अमित पिता रमेशचंद्र शाह : 307/8/ मिन-1 की 0.038 हेक्टेयर।
सोनल पिता रमेशचंद्र शाह : 307/8/ मिन-5 की 0.038 हेक्टेयर।
रूपल पति अंकुश जैन : 307/5/मिन-3 और 307/6 पैकी की 0.042 हेक्टेयर।
क्या है आईडीए का संकल्प नौ
16 सीताबाग के पते पर पंजीकृत ज्योतिनगर संस्था का पंजीयन 2 सितंबर 1981 को हुआ था। संस्था और आईडीए के बीच 1986 में संकल्प नौ साइन हुआ था। इसका मतलब यह है कि आईडीए संस्था की जमीन पर बुनियादी सुविधाएं विकसित करके देगा और डेवलपमेंट शुल्क लेगा। सहकारिता विभाग से सदस्यता सूची का अंतिम प्रकाशन करवाकर संस्था सदस्यों को प्लॉट आवंटित करती है। नियमानुसार संकल्प से बंधी कोई भी संस्था जमीन का अपने तरीके से सौदा नहीं कर सकती।
एक ही दिन में नामांतरण
संस्था ने सहकारिता विभाग और आईडीए की अनापत्ति के बिना ही नामांतरण तीन परिवारों के छह लोगों के साथ कर दिया। 10 खसरों में तीन प्लॉट का 4090 वर्गफीट के तीन और 4520 वर्गफीट के तीन प्लॉट बेचे गए कृषि भूमि बताकर। पूरी जमीन का नामांतरण 20 सितंबर 2013 को जारी आदेश के अनुसार हुआ।
टीएनसी भी हो गई
नामांतरण के बाद सभी ने अपने प्लॉट जोड़े और दिसंबर 2013 में टाउन एंड कंट्री प्लानिंग विभाग में ले-आउट के लिए आवेदन कर दिया। 2 जनवरी 2014 को सभी ने शपथ-पत्र दिए। 12 मार्च 2014 को एसडीएम ने एनओसी दे दी। 24 सितंबर 2014 को इंदौर विकास प्राधिकरण ने एनओसी देते हुए कहा कि जमीन किसी स्कीम का हिस्सा नहीं है। 22 अक्टूबर 2014 को टीएंडसीपी ने भी टीएनसी जारी कर दी। जमीन पर विकास की अनुमति मिली धर्मीदेवी रीयल एस्टेट प्रा.लि. तर्फे जितेंद्र कुमार पिता प्रीतमदास डोडेजा को। कंपनी का पंजीकृत पता 388-389 खातीवाला टैंक है। हालांकि ले-आउट के संबंध में जानकारी मांगो तो टीएंडसीपी से नहीं मिलती।