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नक्शा पास कराने के लिए जीवित हो गई ‘कोकिला’

By Dabangdunia News Service | Publish Date: Aug 3 2016 10:37AM | Updated Date: Aug 3 2016 10:37AM
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मुनीष शर्मा  इंदौर। जमीन के जादूगरों ने करोड़ों की जमीन हड़पने और टाउन एंड कंट्री प्लानिंग (टीएंडसीपी) से नक्शा पास कराने के लिए एक मृत महिला को जीवित कर दिया। उन्होंने महिला का फर्जी शपथ पत्र बनाया, फर्जी बैंक अकाउंट खोला और तो और इस जमीन पर करीब ढाई करोड़ का लोन भी ले लिया।

मामला लसूड़िया मोरी की जमीन (सर्वे क्र. 36/1/1) का है, जिसका रकबा 0.275 हेक्टेयर है। यहां स्व. कोकिला दुबे की लगभग 4000 स्क्वेयर फीट जमीन है जिसके पास की जमीन का सौदा कर फिर उसमें उक्त जमीन को मिलाकर टीएंडसीपी से नक्शा पास करा लिया। यह सारी प्रक्रिया जुलाई 2011 से शुरू हुई और लगभग एक साल में पूरी कर ली गई। जबकि कोकिला दुबे की मृत्यु  15 अगस्त 2010 में हो चुकी थी।
विवाद सामने आने पर पुलिस मामले की जांच में जुट गई है। इसके बाद जमीन मालिक खरीदार पर, तो खरीदार जमीन मालिक पर फर्जीवाड़ा करने का आरोप लगा रहा है। पुलिस जांच में जब सारी परतें खुलेंगी तो आरोपी बेनकाब होंगे हीं, साथ ही इस खेल में सरकारी अधिकारियों की मिलीभगत भी सामने आ जाएगी।

नप्ती शुरू की तो सामने आया फर्जीवाड़ा

इस जमीन की कीमत लगभग आठ करोड़ रुपए है। फर्जीवाड़ा करने वाले का  आरोप सचिन अग्रवाल पर है, जिसकी शिकायत जमीन मालिक संजीव कानूनगो ने की है। हालांकि अग्रवाल पूरे फर्जीवाड़े में कानूनगो को आरोपी बता रहा है। मामला तब उजागर हुआ, जब अग्रवाल ने कानूनगो की दूसरी जमीन की नप्ती कराना शुरू की। उसका कहना है मेरी खरीदी हुई जमीन यही है जबकि कानूनगो का कहना है अग्रवाल मेरी ही दूसरी जमीन (जो बेची नहीं है) पर कब्जा करके लोन लेना चाहता है। कानूनगो की करीब 26 हजार स्क्वेयर फीट जमीन का सौदा अग्रवाल द्वारा अक्टूबर 2010 में किया गया। इसके जमीन के पास करीब 4000 स्क्वेयर फीट जमीन कोकिला दुबे के नाम की थी। अग्रवाल ने टीएंडसीपी से 30 हजार स्क्वेयर फीट जमीन का नक्शा पास कराने के लिए आवेदन जुलाई 2011 में दिया जिसमें स्व. कोकिला दुबे की जमीन भी शामिल की गई।

अग्रवाल ने नक्शा पास कराने के लिए जो आवेदन दिया उसमें कोकिला दुबे के नाम से शपथ पत्र भी लगाया, जिसमें उनके हस्ताक्षर भी किए गए। स्व. दुबे की जमीन अभी भी अग्रवाल की जमीन से अलग है और दोनों के बीच में दीवार है। टीएंडसीपी ने सितंबर 2011 में वाणिज्यिक उपयोग के भवन का नक्शा भी पास कर दिया। इस जमीन पर फिर वर्ष 2014 में रिवाइस नक्शा पास कराया गया।

बैंक के साथ भी कर डाली धोखाधड़ी
कानूनगो ने दबंग दुनिया को बताया स्व. दुबे मेरी बुआजी हैं, जिनकी जमीन मेरी जमीन के पास है। हमें तो यह जानकारी ही नहीं थी कि उनके नाम का झूठा शपथ पत्र अग्रवाल ने लगाकर नक्शा पास करा लिया। यह जानकारी तो हमें तब लगी जब मुझे मेरी जमीन की पूरी राशि नहीं मिली और जब मैंने अपने स्तर पर दस्तावेज ढूंढना शुरू किए। जमीन बेचने के दौरान मुझे 1.80 करोड़ रुपए दिए गए जबकि 1.29 करोड़ रुपए लेना बाकी थे। रजिस्ट्री में जो चेक नंबर लिखे गए उन्हें मेरे नाम से निकालना बताया गया है। इसके लिए मेरा अकाउंट नंबर यूनिवर्सिटी परिसर स्थित एसबीआई में खोला गया। मैं सूचना के अधिकार अधिनियम के तहत जानकारी मांग रहा हूं तो बैंक जानकारी उपलब्ध नहीं करा रही है। इसके अलावा एसबीआई से ही ढाई करोड़ रुपए से ज्यादा का लोन भी लिया गया। दबंग दुनिया ने इस संबंध में बैंक की मुख्य प्रबंधक से बात की तो उनका कहना था चूंकि पुलिस जांच कर रही है इसलिए हम फिलहाल आपको कोई जानकारी नहीं दे सकते।

जांच पूरी होने दें
शिकायत आई थी, जिसकी जांच जारी है। बैंक से जानकारी ली गई है। टीएंडसीपी व अन्य शासकीय विभागों से भी जानकारी ली जा रही है। जांच पूरी होने के बाद ही कुछ बता पाऊंगा।
- आर.डी. कानवा, टीआई लसूड़िया

तो निरस्त करेंगे नक्शा

प्रकरण शिकायत में होने से उस पर सुनवाई की जाएगी। यदि मृतक के नाम से शपथ पत्र लगाया गया है, तो नक्शा निरस्त किया जाएगा।
- राजेश नागल, संयुक्त संचालक टीएंडसीपी इंदौर

कानूनगो की गलती

मुझे तो पता ही नहीं था कोकिला दुबे की मृत्यु हो गई है। कानूनगो ने इसे छिपाया भी और उसी ने फर्जी शपथ पत्र लगाया। बैंक में भी खाता कानूनगो की बुआ की लड़की ने खुलवाया। यदि मैं गलत था तो मेरे खिलाफ पुलिस प्रकरण दर्ज कराता। जिस दरवाजे पर मेरा नाम लिखा है वह जमीन मेरी नहीं है। मेरी जमीन पर तो काम चल रहा है।                                                                                                              - सचिन अग्रवाल

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